Ranchi: झारखंड को अब बिजली के लिए निजी और सेंट्रल सेक्टर के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. पतरातू में बन रहे 4000 मेगावाट के पावर प्लांट की पहली यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है. यह प्लांट पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो एनटीपीसी और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की संयुक्त उद्यम कंपनी है.
उत्पादित बिजली पतरातू स्थित कटिया ग्रिड के माध्यम से हटिया-2, बुड़मू, ललपनिया व पीजीसीआइएल के ग्रिड को दी जा रही है. ललपनिया ग्रिड के माध्यम से गोविंदपुर व संताल-परगना के इलाकों में भी बिजली पहुंचाई जा रही है.
पहले चरण में 800 मेगावाट की स्थापित की जानी है तीन यूनिट
पहले चरण में 800-800 मेगावाट की तीन यूनिट स्थापित की जानी है. इसमें प्लांट की पहली यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है, पीवीयूएनएल जल्द ही कॉमर्शियल उत्पादन के लिए केंद्र सरकार से सामान्य अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करेगा, जिसे सीओडी कहते हैं. सीओडी मिलने के बाद जेबीवीएनएल की बिलिंग शुरू हो जाएगी, जो 2.73 रुपये प्रति यूनिट होगी.
आर्थिक विकास में देगा अहम योगदान
पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट झारखंड के बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान करेगा और राज्य की बिजली की कमी को दूर करने में मदद करेगा. साथ ही प्लांट के शुरू होने से क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
3200 से 3500 मेगावाट बिजली राज्य के खाते में आएगी
पतरातू प्लांट की कुल क्षमता 4000 मेगावाट होगी, जिससे झारखंड के खाते में 3200 से 3500 मेगावाट बिजली आएगी. जो राज्य की पीक आवर में 3200 मेगावाट की मांग को पूरा करने में सहायक होगा.
औद्योगिक तथा घरेलू मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी. प्लांट की पहली यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से 85 फीसदी झारखंड को और 15 फीसदी केंद्र को मिलेगा.
रिकॉर्ड समय में बना ट्रांसमिशन लाइन
ऊर्जा संचरण निगम लिमिडेट ने रिकॉर्ड समय में ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया. जनवरी में फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद युद्ध स्तर पर काम हुआ. पतरातू से कटिया ग्रिड तक 6.6 किमी लंबी 400 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन को सफलतापूर्वक चार्ज किया गया.
यह लाइन पतरातू ग्रिड को कटिया ग्रिड से जोड़ेगी, जिससे झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के माध्यम से हटिया और अन्य ग्रिडों को बिजली आपूर्ति संभव होगी. इस लाइन की लागत 64.51 करोड़ रुपये है.
बनहर्दी कोल ब्लॉक से मिलेगा कोयला
पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को बनहर्दी कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया है, जिसका उपयोग पतरातू पावर प्लांट के लिए कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा. इस कोल ब्लॉक में लगभग 1372.21 मिलियन टन कोयला होने का अनुमान है, जिसमें से 270.81 मिलियन टन निकाला जा सकता है.
पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की फैक्ट फाइल
• बिजली दर: इस परियोजना से 2.73 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी.
• बिजली वितरण: राज्य सरकार को 85% बिजली मिलेगी, जिससे राज्य के विकास में मदद मिलेगी.
• परियोजना लागत: परियोजना की कुल लागत 26,000 करोड़ रुपये है.
• एनटीपीसी और राज्य सरकार की हिस्सेदारी: एनटीपीसी 74% हिस्सेदारी के साथ इस परियोजना का नेतृत्व करेगी, जबकि राज्य सरकार 26% हिस्सेदारी के साथ सहयोग करेगी.
• एमओयू: तीन मई 2015 को राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच एमओयू हुआ था.
• जॉइंट वेंचर: 29 जुलाई 2015 को जॉइंट वेंचर के लिए करार हुआ और 28 सितंबर 2015 को सरकार ने जॉइंट वेंचर के गठन को स्वीकृति दी.
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