Ranchi: रांची के हेसाग में आयोजित पशु मेला को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कई घोषणाएं की हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार गो मुक्तिधाम का शिलान्यास पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रमंडल स्तर पर शुरू किया जा रहा है. प्रमंडलों के साथ सभी जिलों में भी गोमुक्तिधाम का निर्माण कराया जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के डीसी ने जमीन चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही पशु चिकित्सालयों के लिए एंबुलेंस की भी व्यवस्था करने जा रही है. इसके अलावा राज्य के 100 पशु अस्पतालों को अपग्रेड कर उन्हें मॉडल एनिमल हॉस्पिटल बनाया जाएगा. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहें. उन्होंने राज्य में पशुपालन यूनिवर्सिटी की स्थापना करने की भी बात कही.
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1.8 लीटर से बढ़ाकर 5 लाख लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय 42,000 परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं, जो 1.8 लीटर दूध का उत्पादन करते हैं. कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 1,00,000 परिवारों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ा जाए और दूध का उत्पादन 5 लाख लीटर तक सुनिश्चित किया जाए. कृषि मंत्री ने कहा कि जिस तरह से हम अपने बच्चों के प्रति, उनकी बीमारियों के प्रति संवेदनशील हैं, ठीक उसी तरह, पशुधन के प्रति हमें संवेदनशील बनने की जरूरत है. सरकार संस्कृति के अनुरूप लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रही है और हमारे विभाग के पदाधिकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए गांव के लोगों को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है.
पशु वैक्सीनेशन को लेकर पशुपालकों को करें जागरूक: कृषि सचिव
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीकी ने कहा कि पशु वैक्सीनेशन हमारे राज्य में काफी कम है. प्रशिक्षित लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा स्वयंसेवी संस्थाओं को वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जोड़ा जाए, ताकि ग्रामीण स्तर पर पशुओं को वैक्सीनेट किया जा सके. उन्होंने कहा कि अधिकारी, कर्मचारी लोगों को जाकर वैक्सीनेशन का फायदा बताएं, उन्हें जागरूक करें और उन्हें यह समझाएं कि रोकथाम ही बीमारी का एकमात्र उपाय है.
पशुपालकों के लिए वेबसाइट लॉन्च
कृषि मेला में विभागीय सचिव ने राज्य के पशुपालकों के लिए एक वेबसाइट भी लॉन्च किया. इस वेबसाइट के माध्यम से राज्य के पशुपालकों को पशुधन से संबंधित सभी तरह की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. मेला हेसाग में 2 फरवरी तक चलेगा, इसके बाद 3 फरवरी से राज्य के सभी जिलों में एक सप्ताह तक मेले का आयोजन किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के पशुपालन प्रभाग की डायरी का भी विमोचन किया गया. 51 कृत्रिम गर्भाधान के साथ कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किया गया.
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