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1.45 लाख करोड़ का गौरवशाली झारखंड का अबुआ बजट : राधाकृष्ण किशोर

Ranchi :  वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सोमवार को सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट पेश किया. अपने बजटीय भाषण में उन्होंने कहा कि कि मेरे 45 वर्षों के राजनैतिक जीवन में मेरे लिए यह पहला अवसर है, जब वित्त मंत्री के रूप में गौरवशाली झारखंड राज्य के लिए सदन में बजट प्रस्तुत कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि स्टेट टेक्नोलॉजी पार्क, स्टेट रिसर्च पार्क, जे-हब, जे-वर्क्स, पीएफआइसी और इनोवेशन हब की स्थापना की योजना बनायी है, जो इनोवेशन का केंद्र बनेगा और शिक्षा जगत, उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के बीच एक सेतु का काम करेगा.

जरूरत पड़ी तो बकाए के लिए कानूनी कार्रवाई की ओर होंगे अग्रसर 

राज्य सरकार का 1.36 लाख करोड़ भारत सरकार के पास लंबित है. इसमें रॉयल्टी, कॉमन कॉज और जमीन अधिग्रहण मद की राशि शामिल है. मुख्यमंत्री ने बार-बार केंद्र सरकार से इस राशि को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जरूरत पड़ी  तो राज्य सरकार कानूनी कार्रवाई के लिए भी अग्रसर होगी, ताकि बकाया राशि का निपटारा हो सके.

विषम परिस्थियों के बावजूद सुदृढ़ हुई अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्री ने कहा कि विषम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद हमने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ उनका ध्यान रखा, जो अपनी आवाज उठाने में सक्षम नहीं है. विकास की राह में अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों को आगे लाने का प्रयास किया है. झारखंड सर्वजन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, झारखंड कृषि ऋण माफी योजना, सुखाड़ राहत, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, मराङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना, सावित्री बाई फूले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना, धोती-लुंगी साड़ी योजना सहित कई योजनाएं हमारी गठबंधन की सरकार ने शुरू की है. साथ ही प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि में लगभग तीन गुणा की वृद्धि की गयी है. यह सब सीधे जनता की आकांक्षाओं, उम्मीदों और उनके उत्थान से जुड़ी हुई है.

आर्थिक विकास दर में हुई वृद्धि

वर्ष 2019-20 में राज्य का आर्थिक विकास दर 1.1 प्रतिशत था. कोरोना काल की विषम परिस्थितियों को अपवाद मानें तो वर्ष 2022-23 में अप्रत्याशित सुधार के साथ आर्थिक विकास दर 7.8 प्रतिशत रहा. वर्ष 2023-24 में राज्य का विकास दर 7.5 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2025-26 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. गठबंधन की सरकार ने राजकोषीय घाटा को नियंत्रित और कम से कम स्तर तक रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. हमने बेहतर वित्तीय प्रबंधन द्वारा वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा को 1.1 प्रतिशत रखने में सफलता हासिल की है. इसके फलस्वरूप राज्य का डेब्ट जीडीपी रेशियो में सुधार हुआ है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 30.2 प्रतिशत था, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में क्रमश: 28.4 तथा 27.7 प्रतिशत रहा. वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में यह क्रमश: 27.5 प्रतिशत और 27.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

राजस्व में भी हुआ इजाफा

राज्य ने अपने राजस्व आय (कर और गैर कर राजस्व) में उत्तरोत्तर वृद्धि हासिल की है. वर्ष 2019-20 में राज्य के स्रोत से कुल राजस्व आय 25,521 करोड़ (25 हजार 5 सौ 21 करोड़) रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 41,429.88 करोड़ (41 हजार 429 करोड़ 88 लाख) रुपये हो गयी. वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसके 61,056.12 करोड़ (61 हजार 56 करोड़ 12 लाख) रुपये रहने का अनुमान है. गठबंधन की सरकार के बजट की एक और महत्वपूर्ण विशिष्टता यह है कि विगत पांच वर्षों में स्थापना-व्यय की तुलना में योजना व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है. कुल व्यय में स्थापना एवं योजना व्यय का अनुपात देखा जाये तो यह वित्तीय वर्ष 2019-20 में 47:53 (33 हजार 145 करोड़ 37 लाख और 52 हजार 283 करोड 63 लाख) था, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 में 37:63 (53 हजार 658 करोड़ 47 लाख और 91 हजार 741 करोड 53 लाख) प्रस्तावित है. यह इस बात को इंगित करता है कि वर्तमान सरकार स्थापना व्यय की तुलना में राज्य के विकास कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है.

पूंजीगत परिव्यय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने पर जोर

राज्य सरकार ने आधारभूत संरचनाओं के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने को अपनी प्राथमिकता बताया है. इसी दिशा में, पूंजीगत परिव्यय में उत्तरोत्तर वृद्धि पर जोर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पुनरीक्षित बजट में पूंजीगत परिव्यय का आकलन 25,720.41 करोड़ रुपये (25 हजार 720 करोड़ 41 लाख) किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.06 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

रकार ने राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य को बेहतर करने और भविष्य की पीढ़ी को आर्थिक बोझ की विरासत से बचाने के लिए प्रभावी ऋण प्रबंधन की दिशा में कदम उठाए हैं. वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सिकिंग फंड में लगातार निवेश किया जा रहा है, ताकि पूर्व में लिए गए ऋणों के भुगतान में संभावित विपरीत आर्थिक स्थितियों का सामना किया जा सके.

अब तक इस फंड में लगभग 2,282 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिसका उपयोग केवल ऋण भुगतान के लिए किया जाएगा. इससे न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य की साख भी बढ़ेगी. इस वर्ष फंड में 638 करोड़ 13 लाख रुपये का पुनः निवेश करने का प्रस्ताव है.

पेंशन कोष का गठन

राज्य सरकार ने कर्मियों के सेवानिवृत्त होने पर आर्थिक जोखिमों से दूर रखने और उन्हें एक सुरक्षित आर्थिक स्रोत सुनिश्चित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया है. इस योजना के वित्तीय भार को कम करने के लिए पेंशन कोष का गठन किया गया है. इसके लिए वर्ष 2023-24 में 700 करोड और 2024-25 में 780 करोड़ रुपये पेंशन कोष में निवेश किया गया . जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 832 करोड़ रुपये का निवेश के लिए बजट प्रस्तावित है।

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