Ranchi: झारखंड के बजट व्यय पर विधायक सरयू राय ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम दिन यानी 31 मार्च, 2021 को दोपहर तक वार्षिक बजट अनुमान का 70 प्रतिशत से उपर व्यय हो चुका है. शाम होते-होते इसके 75 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है. बजट व्यय का यह आंकड़ा सुखद भी लगा और आश्चर्यजनक भी. कारण कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के आरंभ से ही राज्य और पूरा देश कोरोना का प्रकोप झेल रहा था.
इस दौरान राज्य की राजस्व प्राप्तियां वित्तीय वर्ष के आरम्भिक छह महीनों तक काफी कम रही थी. राज्य सरकार के कर एवं गैर-कर राजस्व की वसूली, केंद्र सरकार से होने वाले प्राप्तियां एवं अनुदान तथा बाजार ऋण में भी काफी सुस्ती थी. ऐसी परिस्थति में वित्तीय वर्ष समाप्त होते-होते बजट का 75 प्रतिशत व्यय हो जाना एक चमत्कारिक घटना प्रतीत हो रही है.
व्यय बजट बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया
सरयू राय ने कहा कि विगत जनवरी से मैं राज्य के बजट व्यय पर नजर रख रहा था. जनवरी के मध्य में राज्य सरकार का बजट व्यय करीब 3.8 प्रतिशत था. फरवरी के तीसरे सप्ताह में यह बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया और गत 22 मार्च को यह आंकड़ा 64 प्रतिशत तक पहुंच गया. इस हिसाब से यह तर्क पूर्ण प्रतीत होता है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक राज्य सरकार ने बजट व्यय का 70 प्रतिशत से अधिक खर्च कर दिया है और शाम को कार्यालय बंद होते-होते यह 75 प्रतिशत तक पहुंच जायेगा.
अब आवश्यक है कि बजट व्यय की गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाय.यह तभी संभव होगा जब वास्तविक आंकड़ें सामने आ जाएंगे और पता चल सकेगा कि राज्य सरकार की राजस्व एवं पूंजीगत प्राप्तियां और राजस्व एवं पूंजीगत व्यय, योजना एवं गैर-योजना व्यय का प्रतिशत और गुणवत्ता कुल व्यय की तुलना में कितना है ओर कैसा है? राज्य सरकार ने इस वर्ष पीएल एकाउंट और सिविल डिपोजिट में कितना पैसा हस्तांतरित किया है.
राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान की तुलना में 84.60 प्रतिशत
विगत 5 वर्ष के बजट अनुमान एवं इसकी तुलना में वास्तविक व्यय के आंकड़ों पर सरसरी निगाह डालने पर मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान की तुलना में 84.60 प्रतिशत, 2016-17 में 84.39 प्रतिशत, 2017-18 में 80 प्रतिशत और 2018-19 में 81 प्रतिशत रही हैं. करीब-करीब यही प्रतिशत इन वर्षों में राजस्व व्यय का भी रहा है.
इस परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से कोरोना संकट के बावजूद बजट व्यय का 75 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लेना एक उपलब्धि माना जायेगा.
झारखंड की वित्तीय क्षमता मजबूत
सरयू ने कहा कि वित्तीय वर्ष के आरंभ में मैं इस मत का था कि राज्य सरकार वर्ष 2020-21 को योजना अवकाश वर्ष घोषित करे और 2021-22 के लिये शून्य आधारित बजट पेश करे. मैं अभी भी इस मत पर दृढ़ हूं कि झारखण्ड की वित्तीय क्षमता काफी मजबूत है. राज्य की राजस्व प्राप्तियों में, चाहे वे कर राजस्व की हो या गैर-कर राजस्व की, काफी वृद्धि होने की संभावना है. यदि राज्य सरकार राजस्व प्राप्तियों में विद्यमान छिद्रों को बंद कर दे और व्यय में अधिकतम अनुशासन लाये. आगे से बजट प्राक्कलन को वास्तविकता के समीप रखे तो राज्य का बजट आकार वर्तमान से दो गुना हो सकता है.
मधुपुर उपचुनाव: अल्पसंख्यक वोटरों को तोड़ने के लिए बीजेपी ने खेला हज हाउस घोटाला और वंशवाद का कार्ड
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कम आ रहे लोग, जबकि बढ़ रही मरीजों की संख्या
मनरेगा की सामग्री मद में मार्च क्लोजिंग के दिन बकाया पहुंचा 694 करोड़ 20 लाख