- मूवी प्रोडक्शन से जुड़ी बारीकियों को लेकर रांची में 10 दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप
Ranchi : झारखंड में पहली बार फिल्म निर्माण से जुड़ी बारीकियों से रूबरू कराने के उद्देश्य से एक वर्कशॉप का आयोजन होगा. इंजोत डहर नाम की संस्था केबी जॉन प्रोडक्शन, मुृंबई के साथ मिलकर इसका आयोजन किया जा रहा है. यह वर्कशॉप पुरूलिया रोड स्थित सत्यभारती के ऑडिटोरियम में होगा, जो 26 अक्टूबर से 4 नवंबर तक चलेगा. कार्यशाला का समापन समारोह अदन वाटिका, सहेरा रोड नामकुम में 4 नवंबर को फिल्म स्क्रीनिंग, सम्मान समारोह एवं संगीत के रंगारंग कार्यक्रम देसी टेकओवर से होगा. समापन समारोह में झारखंड फिल्म इंडस्ट्री के सम्मानित गणमान्य शख्सियतों को उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जायेगा. कार्यक्रम में झारखंड फिल्म इंडस्ट्री की मौजूदा चुनौतियों और समाधान पर परिचर्चा की जायेगी. झारखंड की फिल्म को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश की जाएगी. यह जानकारी संस्था व आयोजन के संयोजक सह वरिष्ठ सलाहकार जॉन डेनिस होरो ने रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दी.
झारखंड के कलाकारों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा
उन्होंने बताया कि मुंबई के स्थापित फिल्म प्रोड्यूसर- निर्देशक केबी जॉन (जॉन ब्रेकमंस केरकेट्टा) के सहयोग से इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को स्क्रिप्ट राईटिंग, सिनेमेटोग्राफी, विडियोग्राफी, एडिटिंग, साउंड एवं विडियो मिक्सिंग, प्रोडक्शन, डिस्टरिब्यूशन, मार्केटिंग की सभी तकनीकी, प्रैक्टिकल, व्यावहारिक जानकारी दी जायेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य, नारी सशक्तिकरण, खेलकूद एवं स्किल डेवलपमेंट आदि के क्षेत्र में कार्य करने वाली सामाजिक संस्था इंजोत डहर का उद्देश्य झारखंड की प्रतिभाओं को फिल्म निर्माण के क्षेत्र से जुड़ी बुनियादी जानकारी के साथ साथ आवश्यक प्लेटफार्म मुहैया कराना है.
झारखंड के फिल्म इंडस्ट्रीज को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दी जाएगी
उन्होंने बताया कि संस्था झारखंड फिल्म इंडस्ट्री को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत पहचान दिलाने के लिए सतत सकारात्मक प्रयास में भागीदार बने. इस उद्देश्य से इस वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है. इस वर्कशॉप में वॉल्टर भेंगरा, मेघनाथ, बीजू टोप्पो, नंदलाल नायक, दीपक बाड़ा, निरंजन कुजूर, सेरल मुरमू जैसे स्थानीय एक्सपर्ट के साथ ही मुम्बई फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से भी रूबरू होंगे.
अब क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्म और एलबम बड़ी संख्या में बन रही है
संस्था के सचिव सह जाने मामले चिकित्सक डॉ. देवनीस खेस बताते हैं कि आदिवासियों का गीत संगीत से विशेष नाता है. अब अखड़ा से निकलकर यह बड़े पर्दे या छोटे स्क्रिन पर अपनी जगह बना चुका है. उसके और बेहतर प्रस्तुति में यह वर्कशॉप एक बड़ी भूमिका निभायेगा. आयोजन के सह संयोजक आनंद खलखो ने बताया कि हाल के दिनों में क्षेत्रीय भाषाओं में फिल्म व एलबम बड़ी संख्या में बन रहे हैं, बावजूद इसके उन्हें उत्तम दर्जे का नहीं माना जा सकता. तकनीकी रूप से वो कमजोर हैं और उन्हें इस अल्पकालीन प्रशिक्षण से काफी फायदा होगा.
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