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फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप देने वाला देश का पहला राज्य है झारखंड : CM

  • राज्य सरकार करेगी ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना
  • एनीमिया और कुपोषण मुक्त झारखंड बनाना प्राथमिकता - हेमंत सोरेन
  • 4500 स्कूलों को नये रूप में सुसज्जित करने का चल रहा है काम
Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप योजना चलाई जा रही है. इसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति के होनहार छात्र-छात्राओं को विदेशों में पढ़ाई के लिए सहायता राशि प्रदान की जा रही है. राज्य में मैट्रिक पास करने वाले सभी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को भी सहायता राशि दिया जा रहा है. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/mask-awareness-campaign-fails-in-palamu-90-people-are-not-following-instructions/40068/">पलामू

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फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप से आदिवासी बच्चों को मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के बच्चों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ट्राईबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी. सरकार ने अब लड़कों के लिए भी नर्सिंग और एएनएम के पाठ्यक्रम प्रारंभ कराया है, ताकि उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जा सके.  उन्होंने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया हो इसके लिए 4500 स्कूलों को नए रूप से सुसज्जित करने का काम किया जा रहा है. रांची में आदिवासियों और दलितों के शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां और संभावनाओं के विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार सह कार्यशाला में उन्होंने यह बातें कही.

सबको साथ लेकर करना है विकास

सीएम ने कहा कि फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप योजना से आदिवासी बच्चों को मिलेगा लाभ. उन्होंने कहा, राज्य को आगे ले जाने के लिए हम सभी के कंधों पर अभी बड़ी जिम्मेदारी है. काफी जद्दोजहद के बाद राज्य का निर्माण हुआ है. झारखंड की संस्कृति, शिक्षा सहित लोगों की सभी अपेक्षाओं को मजबूती प्रदान करना हमसभी का कर्तव्य है. इस राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए हम नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी भूमिका प्रतिबद्धता के साथ निभाने के लिए सदैव प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी दलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों के साथ मेरा भावनात्मक जुड़ाव रहा है. भावनात्मक जुड़ाव होने के नाते अक्सर लोग आदिवासी, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्ग का विकास कैसे हो इस पर हमसे सवाल करते हैं.

एनीमिया और कुपोषण मुक्त झारखंड बनाना प्राथमिकता

उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं को एनीमिया तथा बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य योजना तैयार की जा रही है. राज्य में एनीमिया और कुपोषण चिंता का विषय है. एनीमिया और कुपोषण मुक्त झारखंड का निर्माण हो सके इसलिए ऐसी महिलाएं एवं बच्चे- बच्चियां जो इस रोग से ग्रसित हैं, उन्हें चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है. राज्य से एनीमिया और कुपोषण का धब्बा हटाना हमारी प्राथमिकता है.

मानसिक विकास का मुख्य आधार शिक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भौतिकवादी युग में शिक्षा अति महत्वपूर्ण है. सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिए शिक्षा ही एक रास्ता है. मानसिक विकास का मुख्य आधार ही शिक्षा है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है. आप सभी का सहयोग लेकर हम आगे बढ़ेंगे. इसे भी पढ़ें : पुलिस">https://lagatar.in/police-arrested-6-gamblers-recovered-1-lakh-22-thousand-rupees/40093/">पुलिस

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