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झारखंड की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को मिलेगा बढ़ावा, IPRD निदेशक से फिल्म फेडरेशन ने की मुलाकात

 Ranchi :  झारखंड आर्टिस्ट फिल्म फेडरेशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, झारखंड सरकार के विशेष सचिव व निदेशक राजीव लोचन बक्शी से शिष्टाचार भेंट की.

इस दौरान झारखंड के फिल्म उद्योग और कलाकारों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत और सार्थक चर्चा हुई.

बता दें कि झारखंड फिल्म विकास निगम (JFDCL) द्वारा राज्य के धूमकुड़िया भवन, नगर भवन और पंचायत भवनों में क्षेत्रीय फिल्मों को प्रदर्शित करने के लिए कल्याण विभाग को पत्र भेजने की योजना बनाई गयी है.

बैठक में राज्य के कलाकारों के समग्र विकास पर चर्चा

फेडरेशन की ओर से बैठक में राज्य के कलाकारों के समग्र विकास, आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाया गया.

फिल्म निर्माण में तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के समाधान, सब्सिडी वितरण में हो रही देरी औऱ कलाकारों के सामाजिक सरोकारों पर भी चर्चा की गयी 

फिल्म निर्माण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम जल्द होगा लागू

श्री बक्शी ने कलाकारों के हित में एक एकल खिड़की प्रणाली (Single Window System) शीघ्र लागू करने की बात कही, जिससे फिल्म निर्माण से जुड़े सभी सरकारी प्रक्रियाएं सरल और पारदर्शी हो सकें.

सभी सिनेमा हॉल में क्षेत्रीय फिल्मों को मिलेगा एक शो

IPRD निदेशक ने आश्वासन दिया कि झारखंड में निर्मित क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को सभी सिनेमा हॉल में कम-से-कम एक शो अनिवार्य रूप से देने के लिए नीतिगत प्रावधान लाये जाएंगे.

इससे स्थानीय फिल्मों को व्यापक दर्शक वर्ग मिलेगा और राज्य की सांस्कृतिक पहचान सशक्त होगी.

जनजातीय शॉर्ट फिल्मों को भी मिलेगा अनुदान

फेडरेशन के आग्रह पर क्षेत्रीय भाषाओं की शॉर्ट फिल्मों को अनुदान श्रेणी में शामिल करने की सिफारिश की गई.

इसका उद्देश्य है कि जनजातीय भाषाओं की फिल्में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में भाग लें और झारखंड की भाषाएं व संस्कृति वैश्विक मंचों पर पहचान पायें.

फिल्म सिटी और फिल्म वर्कशॉप पर सहमति

राज्य में फिल्म सिटी की स्थापना को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें श्री बक्शी ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए इसे नीतिगत रूप से आगे बढ़ाने की बात कही.

साथ ही, झारखंड में फिल्म वर्कशॉप और फिल्म फेस्टिवल के आयोजन पर भी सहमति बनी. फेडरेशन ने सरकार से आग्रह किया कि झारखंड के कलाकारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार और अवसर उपलब्ध हों, ताकि उन्हें रोज़गार के लिए पलायन न करना पड़े.

इसके लिए एक संरचनात्मक सहयोग प्रणाली विकसित किए जाने की आवश्यकता बताई गयी.

मौके पर काजल मुंडू, विवेक नायक, विनोद जयसवाल, पुरुषोत्तम कुमार, रोहित आरके., चांदनी बड़ाईक, रंजू मिंज, ऋषिकेश लाल और सुंदरम ओझा उपस्थित थे. 

झारखंड कलाकार आंदोलन संघर्ष समिति की ओर से विनोद महली, पंकज प्रजापति, अनमोल खलखो, चंद्रिका महतो और अमित तिर्की शामिल हुए.

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