Jammu/Kashmir : मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी थी. आज इस घटना के दो साल पूरे हो गये हैं. खबर है कि इन दो सालों में जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा लगभग 1200 मामलों में 2300 लोगों पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई की गयी है. इसके अलावा 954 लोगों पर सार्वजनिक सुरक्षा कानून (PSA) के तहत एक्शन हुआ है. सूत्रों के अनुसार दो सालों में UAPA के तहत पकड़े गये 46 फीसदी, और PSA के तहत हिरासत में लिय़े गये 30 फीसदी लोग अब भी जेल की हवा खा रहे हैं.
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2019 में PSA के तहत 699 लोग हिरासत में लिये गये
द इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक डेटा का हवाला देकर जानकारी दी है कि जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में PSA के तहत 699 लोग हिरासत में लिये गये. इस क्रम में 2020 में 160 और 2021 में जुलाई अंत तक 95 लोगों को PSA के तहत बंद किया जा चुका है. बता दें कि इनमें से 284 लोगों को प्रशासन ने अब तक आजाद नहीं किया है. जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को विशेष दर्जा वापस लिये जाने के एक माह के अंदर ही 290 लोगों को PSA के तहत हिरासत में लिया गया था. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं के नाम शामिल थे. जो लोग हिरासत में लिये गये थे, उनमें 250 अकेले कश्मीर निवासी थे.
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2019 में 437 केसों 918 गिरफ्तारियां हुईं
जान लें कि UAPA के तहत पिछले दो सालों में 2364 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें 2019 में 437 केसों 918 गिरफ्तारियां हुईं, जबकि 2020 में 557 केसों में 953 को गिरफ्तार किया गया. इस साल जुलाई अंत तक 3275 केसों में 493 लोग गिरफ्तार किये गये. मौजूदा समय में इनमें से 1100 लोग हिरासत में रखे गये हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार PSA और UAPA के अलावा सीआरपीसी की धारा 107 के तहत 2019 में 5500 लोगों को प्रिवेंटिव कस्टडी में रखा गया है, हालांकि, गृह विभाग का साफ कहना है कि इन सभी को छोड़ा जा चुका है.
बता दें कि 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान गुपकार गठबंधन के नेताओं ने इन कड़े कानूनों के तहत जेल में बंद लोगों को जल्द से जल्द छोड़ने की अपील की थी. जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने इसे सरकार के प्रति विश्वास बढ़ाने वाला कदम करार दिया था.