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मिशन 2024 : झामुमो-कांग्रेस को 12, लेफ्ट-राजद को 1-1 सीट लड़ें

  • प्रदेश में जदयू को कोई सीट नहीं, विधानसभा में मिलेगी
  • शिमला बैठक में झारखंड सहित सभी राज्यों के लिए सीट शेयरिंग पर लगेगी मुहर
Kaushal Anand Ranchi :  वर्ष 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड में सीट शेयरिंग का अपना फॉर्मूला स्पष्ट कर दिया है. पिछले दिनों पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में झामुमो ने ने झारखंड में झामुमो-कांग्रेस को कुल 12 सीटें और राजद एवं लेफ्ट को 1-1 सीट देने का प्रस्ताव रखा गया है. इस प्रस्ताव पर अगले माह शिमला में प्रस्तावित बैठक में अंतिम मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है. यह भी कहा गया है कि सीट शेयरिंग पर लोकसभा चुनाव से लगभग छह माह पूर्व ही फैसला कर लिया जाना चाहिए ताकि राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार सकें. इससे चुनाव लड़ने में थोड़ी आसानी होगी. झामुमो के इस प्रस्ताव पर करीब-करीब सभी दलों ने सहमति जताई है. इसलिए संभावना है कि शिमला बैठक में इस पर सहमति बन जाए.  

जहां जो मजबूत, वहां वही लड़ेगा

झामुमो के एक पदाधिकारी ने बताया कि पटना बैठक में झामुमो की ओर से झारखंड में सीट शेयरिंग का फर्मूला रख दिया गया है. इसके तहत 12 सीटें झामुमो और कांग्रेस अपने पास रखेंगे. बाद में झामुमो और कांग्रेस अपनी-अपनी मौजूदा स्थिति के मुताबिक अपनी-अपनी सीटें बांट लेंगे. जो जहां मजबूत होगा, वहां उसी दल का उम्मीदवार उतारा जायेगा. झामुमो ने झारखंड में सात सीटों पर दावेदारी की तैयारी शुरू कर दी है.

...तो कांग्रेस को ये तीन सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं

अगर सीट शेयिरंग में झामुमो की चली तो कांग्रेस को झारखंड की खूंटी, लोहरदगा और चाईबासा सीट छोड़नी पड़ सकती हैं. क्योंकि झामुमो इस बार सात सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. झामुमो ने गत लोकसभा चुनाव में दुमका, राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर सीट पर प्रत्याशी उतारे थे. इनमें केवल राजमहल में ही पार्टी को जीत मिली थी. चाईबासा पर झामुमो अपना स्वाभाविक दावा जताता है. चाईबासा संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा सीटों पर झामुमो का कब्जा है. इसी तरह लोहदरगा संसदीय सीट की तीन विधानसभा सीटों पर झामुमो का कब्जा है. खूंटी पर भी आदिवासी बहुल सीट होने के कारण झामुमो अपना दावा पेश करेगा. झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि  न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में इस बात पर सहमति बन रही है कि जो जहां मजबूत है वहां अधिक सीट उस दल को मिले. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा बड़ा दल है, हमारे अधिक विधायक हैं. इसलिए इस हिसाब से झामुमो का अधिक सीटों पर दावा बनता है. मुझे लगता है कि सीट शेयरिंग कोई इश्यू नहीं रहेगा. इस पर सहमति बन जायेगी. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि सीट शेयरिंग का आधार तो पिछला चुनाव ही होगा. बदली हुई परिस्थिति में इसका फॉर्मूला क्या होगा. यह केंद्रीय नेता ही तय करेंगे. हमारे केंद्रीय नेता जो तय करेंगे, वह प्रदेश कांग्रेस के लिए मान्य होगा. मगर इतना तय है कि हम सब मजबूती से लड़ेंगे और 2024 में देश की सत्ता से भाजपा को बेदखल करेंगे. [wpse_comments_template]

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