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बजट 2022-23 पर JMM-CONG की प्रतिक्रिया, बताया निराशाजनक

Nitesh Ojha
  • रामेश्वर उरांव ने कहा- केंद्र के वादे का कोई ओर-छोर नहीं
  • जेएमएम ने कहा- उद्योगपतियों के हाथ का खिलौना बनेगा भारतीय रेलवे
Ranchi :  केंद्र सरकार के पेश किये गये बजट 2022-23 को लेकर कांग्रेस और जेएमएम ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि बजट के माध्यम से भाजपा केवल सपना दिखाने का काम करती है. उसे तो इसपर बात करनी चाहिए कि पिछले वित्तीय वर्ष में जो कहा था, उसे पूरा किया या नहीं. लेकिन ऐसा नहीं कहकर बजट में केवल नयी-नयी बातें की गई हैं. जिसका कोई ओर-छोर नहीं है. इसे भी पढ़ें-BPSC">https://lagatar.in/bpsc-has-released-the-new-date-of-67th-pre-exam-the-exam-will-be-held-on-april-30/">BPSC

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वहीं जेएमएम ने कहा कि इस बजट में जिस तरह का प्रावधान किया गया है, उससे तय है कि अब भारतीय रेल उद्योगपतियों के हाथों का खिलौना बनेगी.

25 साल के लक्ष्य की बात करती है भाजपा, 5 साल बाद हम कहां रहेंगे कोई नहीं जानता

डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि भाजपा आज डिजिटाइजेशन की बात करती है, जमीनी हकीकत कुछ और ही है. उन्होंने कहा, पूर्व पीएम राजीव गांधी ने आईटी क्षेत्र में जो काम शुरू कियाया. यहां यह बताने की जरूरत नहीं है कि वह आज कहां पहुंच गया है. भाजपा 25 साल का लक्ष्य लेकर काम करने की बात करती है, लेकिन हकीकत यह है कि पांच साल हम कहां रहेंगे, यह कोई नहीं जानता. इसे भी पढ़ें-Budget">https://lagatar.in/budget-2022-pm-said-in-the-midst-of-100-years-of-terrible-calamity-it-brought-new-confidence-of-development/">Budget

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भारतीय रेल उद्योगपतियों के हाथों का खिलौना, बैंक और बीमा कंपनियां होगी व्यक्तिगत संपत्ति

जेएमएम ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट भाजपा समर्थक चंद उद्योग समूह के पैर के तलवे में चमेली का तेल लगाने का दस्तावेज है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग के लोगों पर महंगाई टैक्स और कर्ज का बोझ डाला गया है. यह बजट मेहनतकश आम जन के लिए आंखों में सतरंगी चश्मा पहनाने जैसा है. देश के सबसे बड़े सरकारी क्षेत्र भारतीय रेल को चार उद्योग समूहों के बीच में ग्रैंड सेल में डिस्काउंट पर देने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में भारतीय रेल और उसकी संपत्ति अब उद्योगपतियों के हाथों का खिलौना बनेगा. देश का आर्थिक तंत्र बैंक और बीमा कम्पनियां व्यक्तिगत सम्पत्ति मानी जाएंगी. बजट में युवाओं को छल कर रोजगार का केवल सपना दिखाना गया है. [wpse_comments_template]    

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