Ranchi: बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने सुप्रियो के उस बयान को दिग्भ्रमित करने वाला बताया, जिसमें उन्होंने टीएसी नियमावली संशोधन में राज्यपाल की सहमति बताई है. गंगोत्री ने कहा कि जेएमएम को बयानबाजी के पहले थोड़ी जानकारी भी प्राप्त कर लेनी चाहिए. टीएसी की नियुक्ति के लिए संविधान की 5वीं अनुसूची में राज्यपाल को विशेषाधिकार प्राप्त है. इसलिये संवैधानिक नियुक्तियों को सामान्य नियुक्तियों से जोड़ना झामुमो की अज्ञानता है. उन्होंने कहा कि विभिन्न आयोग के अध्यक्षों, प्रोटेम स्पीकर, आयोग के सदस्यों का पद संवैधानिक पद है, जिसमें राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही अधिसूचना जारी की जाती है.
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टीएसी में संशोधन आदिवासी हित और समाज की सुरक्षा पर कुठाराघात
गंगोत्री कुजूर ने कहा कि टीएसी में संशोधन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी हित और समाज की सुरक्षा पर कुठाराघात किया है. उन्होंने कहा कि सरकार के गलत निर्णय के कारण ही राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने राज्य सरकार को समन किया है. आज राज्य सरकार आदिवासी विरोधी निर्णय लेने के कारण कटघरे में खड़ी है. उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार बनी है राज्य में आदिवासी विरोधी कार्य किये जा रहे हैं, आदिवासियों की हत्याएं हो रही हैं, आदिवासी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं.
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क्या कहा था सुप्रियो भट्टाचार्य ने
सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वर्तमान में झारखंड जिस तरफ बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है. बगैर सरकार से किसी अहम मसले पर विमर्श किये राजभवन फैसले ले रहा है. राज्यपाल अपना कोई भी निर्णय बिना राज्य सरकार के परामर्श के नहीं ले सकतीं. भाजपा नेताओं ने मीडिया और राज्यपाल, दोनों को गलत जानकारी देकर भ्रमित किया है. वास्तव में टीएसी के मसले पर सरकार ने ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिया है.