Ranchi: बजट सत्र के दौरान मंत्री सुदिव्य सोनू और मंत्री इरफान अंसारी के बीच हुई बहस को झामुमो ने गंभीरता से लिया है. शुक्रवार यानी 21 मार्च को उस समय अजीबो-गरीब स्थिति बन गई. जब सरकार के दो मंत्री सुदिव्य सोनू और इरफान अंसारी आपस में ही उलझ गए. हुआ यूं कि प्रदीप यादव ने गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज शुरू करने की मांग की. इस पर इरफान अंसारी ने कहा कि आप पांच बार के विधायक हैं नर्सिंग कॉलेज नहीं बनवा सके.
इसी बीच प्रभारी संसदीय कार्यमंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि ऑब्जेक्टिव सवाल का ऑब्जेक्टिव जवाब होना चाहिए. सदन में कटाक्ष की भाषा नहीं होनी चाहिए. सदन किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है. लोकाचार का मामला है. इस पर इरफान अंसारी ने कहा कि सोनू जी बहुत जानकार हैं.। हर चीज में फुदकने लगते हैं. प्रदीप यादव ने कहा कि मंत्री सुदिव्य सोनू ने सदन की मर्यादा का ख्याल रखते हुए वक्तव्य दिया है.
बस थोड़ा इंतज़ार कीजिएः झामुमो
झामुमो प्रवक्ता तनुज खत्री ने सोशल मीडिया में ट्वीट कर कहा है कि आज सदन की कार्यशैली देखकर अनायास आलमगीर आलम साहब की याद आ गई. वे होते तो कोई धूर्त मंत्री गिरी हुई भाषा का प्रयोग नहीं कर सकता था, क्योंकि तब वह मंत्री बन ही नहीं सकता था. नौटंकीबाज को बहुत जल्द उसका सही स्थान मिलेगा, बस थोड़ा इंतज़ार कीजिए. फिर दूसरे ट्वीट में लिखा है कि मंत्री सुदिव्य सोनू ने बौद्धिक श्रेष्ठता, ज्ञान, शालीनता, और धैर्य के सामने इरफान अंसारी जी आपकी कोई तुलना नहीं है. आप बस चिरकुटई ही कर सकते हैं. बेहतर होगा कि आप उनसे माफी मांगें वो भी सदन में पूरी गंभीरता से ना की दांत चियार कर.
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