इस महाधिवेशन में पार्टी की रणनीति तय होगी. पार्टी की रणनीति अब झारखंड के बाहर अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार करने पर केंद्रित है. बिहार और बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों पर भी पार्टी की नजर है.खासकर इन दोनों राज्यों की सीमाओं से सटे जिलों की सीटों को चिन्हित कर अपने उम्मीदवार उतारने पर महाधिवेशन में ठोस निर्णय लिया जा सकते हैं. इन प्रस्तावों पर होगी खुलकर चर्चा - पार्टी संविधान में संशोधन: पार्टी के संविधान में बदलाव के लिए गठित उपसमिति ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. - कल्पना सोरेन का प्रमोशन: कल्पना सोरेन को पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर लाने का निर्णय लिया जा सकता है. - भूमि पुनर्वापसी कानून: पार्टी भूमि पुनर्वापसी कानून बनाने का प्रस्ताव लाएगी, जिससे आदिवासियों की जमीन उनके मूल मालिकों को वापस की जा सके. - वक्फ कानून का विरोध: पार्टी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव ला सकती है. - राष्ट्रीय पार्टी बनाने की योजना: महाधिवेशन में झामुमो को राष्ट्रीय पार्टी बनाने पर मंथन होगा. - बिहार और बंगाल पर ध्यान: पार्टी बिहार और बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करेगी. - जिलाध्यक्षों को अधिक शक्तियां: पार्टी के जिला और प्रखंड अध्यक्षों को अधिक राजनीतिक शक्तियां देने का निर्णय लिया जा सकता है. - हाई पावर कमेटी का गठन: महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए हाई पावर कमेटी बनाने का निर्णय लिया जा सकता है. इसे भी पढ़ें – मुंबई">https://lagatar.in/mumbai-attack-accused-tahawwur-rana-on-18-day-nia-remand-interrogation-to-begin-today/">मुंबई
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