- कांग्रेस, राजद और माले संविधान, आरक्षण, महंगाई एवं बेरोजगारी मुद्दे पर करेगी फोकस
- स्टार प्रचारक के तौर पर कल्पना सोरेन खुद संभालेंगी कमान, गांडेय उपचुनाव के बाद उनका बढ़ेगा प्रचार का दायरा
Kaushal Anand
Ranchi : झारखंड में यह लोकसभा चुनाव झामुमो के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन गया है. क्योंकि उनके नेता पूर्व सीएम हेमंत सोरेन जेल में हैं. झामुमो और पूरा सत्ता केंद्र सरकार और भाजपा पर साजिशन उन्हें जेल भेजने का आरोप लगा रहा है. भाजपा को घेरने के लिए झामुमो की रणनीति बना ली गयी है. इसकी कमान कल्पना सोरेन के हाथ में होगी. बता दें कि जनवरी में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झामुमो और अन्य सत्ता पक्ष ने इस मुद्दे को गर्म रखने में सफलता हासिल की है. इस बीच लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गयी. चुनाव की घोषणा से लेकर अब तक झामुमो इस मुद्दे को जीवित रखे हुए है और हर दिन इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा को जमकर घेर रहा है. मगर झामुमो भी यह मान कर चला है कि केवल इस मुद्दे से कुछ नहीं होगा. इसलिए अब झामुमो रणनीति बदलने जा रहा है. झामुमो अब पूरी तरह भाजपा को झारखंड के ही स्थानीय मुद्दों पर उलझाए रखने की तैयारी में है. रही बात अन्य राष्ट्रीय मुद्दों की, तो इसकी कमान कांग्रेस, राजद और माले संभालेंगे. यानी कि झारखंड में भाजपा के खिलाफ मजबूत किलेबंदी की तैयारी में इंडिया गठबंधन है. अब यह तो 4 जून को पता चला पाएगा कि झारखंड इंडिया गठबंधन कितने हद तक भाजपा को घेरने में सफल रहा और भाजपा किस तरह से इसका काउंटर किया.
झामुमो के ये रहेंगे मुद्दे
- आदिवासी अस्मिता झामुमो का बड़ा मुद्दा होगा. इसके जरिए झामुमो अपने आदिवासी सीएम को साजिश के तहत जेल भेजने का प्रमुख मुद्दा बनाएगा. झामुमो यह बताने का काम करेगा कैसे देश के एक मात्र आदिवासी सीएम जो आदिवासी अस्मिता के लिए काम कर रहे थे, उन्हें जेल भेज दिया. इसके साथ ही सरना धर्म कोड, आदिवासी राष्ट्रपति को हाथ जोड़े खड़े रखने और प्रधानमंत्री का बैठ कर मुस्कुराना, मणिपुर घटना आदि को प्रमुख मुद्दा बनाएगा.
- पार्टी वनाधिकार कानून में संसोधन को आदिवासी अस्मिता से जोड़ने का प्रयास करेगी. पार्टी यह सवाल उठाएगी कि छत्तीसगढ़ हसदेवा जंगल में अडाणी के प्रवेश के बाद पौंडाहाट, सांरडा और कोल्हान में अडाणी का प्रवेश कराने के लिए वन अधिकार कानून में संशोधन किया गया. इसमें ग्राम सभा की शक्त्ति को शिथिल किया गया. क्या भविष्य में इसके जरिए अगला निशाना कहीं कोल्हान और सारंडा की धरती तो नहीं.
- पार्टी कोल वेयरिंग एक्ट संशोधन को भी मुद्दा बनाएगी. इसमें सोशल इंफैक्ट और इनवायरमेंट इंपैक्ट को हटाने के मुद्दे को उठाएगी. पार्टी यह बताने का प्रयास करेगी कि क्या उनकी मंशा झारखंड के माइनिंग क्षेत्र का डेमोग्राफी को बदलने की साजिश तो नहीं है. ताकि उन क्षेत्रों में बाहरी आबादी और पूंजीपतियों का प्रवेश हो सके.
कांग्रेस, राजद एवं वाम के मुद्दे
लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के अन्य दल जैसे कांग्रेस, राजद और माले राष्ट्रीय मुद्दे पर फोकस करेंगे. जिसमें बेरोजगारी, महंगाई, संविधान बदलने, आरक्षण खत्म करने के भाजपा के साजिश को प्रमुखता से उठाएंगे. तीन दलों के राष्ट्रीय नेता जब झारखंड आएंगे तो इन्हीं मुद्दों पर अपना फोकस करेंगे, इसके साथ ही ईडी, इकनम टैक्स, सीबीआई आदि संस्थाओं को गलत तरीके से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने पर भी भाजपा को घेरने का काम करेगी. यानी की मतलब साफ है कि झारखंड में किसी भी प्रकार से मुद्दे भटकाने वाली बात नहीं इंडिया गठबंधन के द्वारा नहीं की जाएगी.
कल्पना क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर होंगी स्टार प्रचारक
चूंकि कल्पना सोरेन खुद गांडेय से विधानसभा उपचुनाव लड़ रही हैं. अभी उनका फोकस गांडेय को लेकर अधिक है, मगर वे अपने भाषणों को गांडेय तक सीमित नहीं रख रही हैं. वे क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ अपने पति को जेल भेजने तथा केंद्र सरकार को घेरते हुए सभी के सभी 14 सीट पर विजयी बनाकर इंडिया गठबंधन को मजबूत करने की बात लगातार कह रही हैं. 21 फरवरी को कल्पना ने उलगुलान न्याय महारैली का सफल आयोजन करके अपनी मंशा को क्लीयर कर दिया है कि वे इंडिया गठबंधन की झारखंड में प्रमुख प्रचारक के रूप में सामने आएंगी. गांडेय उपचुनाव के बाद कल्पना सोरेन अपना दायरा बढ़ाएंगी और उसके बाद शेष बचे सभी सीटों पर खुद मोर्चा संभालेंगी.
गांडेय में जमी हैं कल्पना सोरेन, वोटरों से कर रहीं संपर्क, बोलीं- झारखंड झुकेगा नहीं और इंडिया रुकेगा नहीं
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन गांडेय में पूरी तरह एक एक्टिव हैं. क्षेत्र में ही डटी हुई हैं. उन्होंने गुरुवार को कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. क्षेत्र में शहीदों को नमन किया. वोटरों से संपर्क में रहीं. लोगों से मिलने-मिलाने का कार्यक्रम देर शाम तक जारी रहा. इस मौके पर उन्होंने कहा कि झारखंड के वीर पुरखों और वीरांगनाओं के संघर्ष और शहादत से हमारे जल, जंगल, जमीन और अधिकारों की रक्षा हुई है. अपना हक-अधिकार लड़ कर कैसे लेना है, यह पूर्वजों ने हमें सिखाया है. कल्पना ने गांडेय विधानसभा की जनता से आग्रह किया कि 20 मई को होने वाले उपचुनाव में तीर-धनुष पर बटन दबाकर तानाशाही ताकतों को मुंह तोड़ जवाब दें. उन्होंने कार्यकर्ताओं के बीच नारा दिया- झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं.
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