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झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा
सुदेश महतो को डुमरी की जनता से वोट नहीं माफी मांगनी चाहिए
बाबूलाल अपनी संकल्प यात्रा में जनता को यह बताएंगे कि उन्होंने कुतुबमीनार से छलांग क्यों नहीं लगायी ?
जिसने आजादी के 56 साल तक तिरंगा नहीं लहाराया, वैसी विचारधारा के लोग आजादी का अमृतकाल मना रहे हैं
Ranchi : झामुमो ने डुमरी विधानसभा उपचुनाव और बाबूलाल की संकल्प यात्रा को लेकर भाजपा, बाबूलाल मरांडी ओर सुदेश महतो पर ट्रिपल ‘अटैक’ किया है. पार्टी महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि सुदेश महतो को डुमरी की जनता से वोट नहीं माफी मांगनी चाहिए. क्योंकि सुदेश महतो जब एनडीए सरकार में राज्य के गृह मंत्री थे, तब ही 2001 में ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत किया गया था. जब 1985 आधारित स्थानीय नीति बनी थी, तब उनकी पार्टी के वर्तमान सांसद और पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने इसकी घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि स्व जगरनाथ महतो मूलवासियों के सबसे प्रखर वक्ता थे. वे अंत तक 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की वकालत करते रहे. इसलिए राजनीतिक दायरे से बाहर निकलते हुए उनकी पत्नी बेबी देवी के खिलाफ आजसू को डुमरी से अपने प्रत्याशी नहीं उतारने चाहिए थे.
डुमरी में तत्कालीन झाविमो ने आप से भी कम वोट लाया था
भट्टाचार्य ने कहा कि डुमरी में झाविमो ने कितना मत लाया था, सभी जानते हैं. झाविमो प्रत्याशी ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी से भी कम वोट लाया था. अब वही पूर्व झाविमो अध्यक्ष और वर्तमान भाजपा अध्यक्ष डुमरी में जीत का गुणा- भाग कर रहे हैं. अजीब बात है. ये लोग कह रहे हैं कि 1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण को मुद्दा बनाएंगे. यह सारे मुद्दे भाजपा के कभी रहे ही नहीं. अपने शासन काल में इसके लिए प्रयास तक नहीं किया. रही बात झामुमो और उनकी सरकार की, तो यह उनका मुद्दा है और इसी शासनकाल में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लायी जायेगी.
जनता भाजपा के खिलाफ और बिदक जाएगी
झामुमो ने बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा का उपहास उड़ाते हुए कहा कि वह शायद भाजपा मुक्त झारखंड बनाने लिए इस यात्रा में जा रहे हैं. या फिर जनता को यह बताएंगे कि वे कुूतुबमीनार से क्यों नहीं कूद पाए. क्योंकि उनके पास बताने को कुछ नहीं है. झूठ और भ्रम फैलाएंगे और जनता भाजपा के खिलाफ और बिदक जाएगी. उन्होंने कहा कि सुनने में आया है कि बाबूलाल एक दिन में कई सभा करेंगे. अब यह तो संभव नहीं है. इसलिए हो सकता है कि यह नुक्कड़ सभा हो. चूंकि वे पूर्व सीएम भी हैं, इसलिए हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि उन्हें लगने वाले लोकल हाट बाजार की सूची उपलब्ध करा दें, ताकि भीड़ तो दिखे.
सभी जान रहे हैं कि 14 अगस्त को ही ईडी का नोटिस क्यों आया
सुप्रियो भट्टाचार्य ने ईडी के बहाने फिर से भाजपा को घेरा. कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के एक दिन पूर्व डुमरी चुनाव की घोषणा होते ही और जब किसी भी राज्य का सीएम 15 अगस्त को राजधानी में झंडोतोलन करते हैं, उसके एक दिन पूर्व 14 अगस्त को ईडी का नोटिस आना खुद ही अपनी कहानी बयां कर देती है. जनता सब देख और समझ रही है. पूरे देश की जनता जान रही है कि कैसे गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को केंद्र सरकार अपनी जांच एजेंसियों के माध्यम से तंग एवं परेशान कर रही है. मगर झामुमो किसी से डरने वाली पार्टी नहीं है.
हर घर तिरंगा अभियान पर कटाक्ष
सुप्रियो भट्टाचार्य ने हर घर तिरंगा अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसी विचारधारा के लोगों ने आजादी का 56 साल तक तिरंगा नहीं फहराया और यही लोग अमृत काल एवं आजादी का जश्न मना रहे हैं. देश की आजादी की लड़ाई सबसे पहले 1855 में संथाल हूल क्रांति से शुरू हुई थी. इसके बाद पूरे देश में आजादी की लड़ाई जोर पकड़ी. हम सभी देशभक्त और राष्ट्रभक्त हैं, इसे साबित करने और किसी से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है. कैग की रिपोर्ट में कई तरह के घोटाले की बातें सामने आ रही है. इन सब से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार इस तरह की पैंतरे करते रहती है. राजस्व संग्रहण की जो सूची जारी हुई है, उसमें एक भी भाजपा शासित राज्य नहीं है. यही है इन लोगों के विकास का सच.
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