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रोजगार में कमी आने पर जीवन पर क्या होगा असर
रोजगार में लगातार">https://lagatar.in/">लगातारकमी आ रही है. ये सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है. रोजगार में कमी आने से लोगों की जिंदगी पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है और आगे भी पड़ेगा. लोगों के पास जब नौकरी ही नहीं रहेगी तो अपना जीवन-यापन कैसे करेंगे. बैचलर्स की Standard Of Living पर भी इसका असर होगा. इसके साथ ही जिनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है, उनको घर चलाना मुश्किल हो जायेगा. लोगों को एक वक्त की रोटी के लिए भी सोचना पड़ेगा. इसके साथ ही अपनी अगली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकेंगे. साथ ही उनका पालन-पोषण करना भी कठिन हो जायेगा. इसे भी पढ़ें:पॉलिटीकल">https://lagatar.in/political-economics-and-the-law-of-compounding/17524/">पॉलिटीकल
इकॉनमिक्स और लॉ ऑफ कम्पाउंडिंग
आर्थिक संकट का करना पड़ेगा सामना
हम सभी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा. जो लोग अभी काम कर रहे हैं, उनकी नौकरी भी संकट में है. रोजगार दर में कमी आने से बेरोजगारी दर तेजी से बढ़ेगी. यह देश के लिए भी एक बड़ा संकट है. इसे भी पढ़ें:सुप्रीम">https://lagatar.in/center-demands-supreme-court-to-consider-adultery-as-an-offense-in-armed-forces-three-judges-refer-case-to-cji/17525/">सुप्रीमकोर्ट से केंद्र की मांग, आर्म्ड फोर्सेज में व्यभिचार को अपराध ही मानें, तीन जजों ने मामला सीजेआई को भेजा
पड़ोसी देशों से पिछड़ जायेगा भारत
रोजगार में कमी आने से भारत अन्य पड़ोसी देशों से पिछड़ सकता है. देश की अर्थव्यवस्था में भी इसका प्रभाव पड़ेगा. ये सारी बातें का प्रमाण नीचे देखा जा सकता है कि किस तरह से रोजगार में लगातार">https://lagatar.in/">लगातारकमी आ रही है. इसे भी पढ़ें:गोमिया">https://lagatar.in/gram-panchayat-formed-again-from-gomiya-nagar-parishad-city-development-department-issued-notification/17523/">गोमिया
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रोजगार में लगातार">https://lagatar.in/">लगातार
आ रही है कमी
दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, भारत में रोजगार में 2.8 फीसदी की गिरावट आयी है. इससे पिछले बार भी रोजगार में 2.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. चालू वित्त वर्ष 2020-21 की लगातार">https://lagatar.in/">लगातारतीसरी तिमाही में देश के भीतर रोजगार में गिरावट दर्ज की गयी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले बार नौकरी गंवाने वाले में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक थी. इसे भी पढ़ें:पूर्व">https://lagatar.in/former-chief-secretary-dk-tiwari-is-almost-certain-to-become-state-election-commissioner/17515/">पूर्व
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पिछली दो तिमाहियों में क्या था हाल
लॉकडाउन के बाद भारत में रोजगार की स्थिति विकट रुप ले ली है. साल 2020 की पहली तिमाही में रोजगार दर में 18.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. यह आंकड़ा अब तक का सबसे खराब था. लॉकडाउन के कारण बहुत लोगों की नौकरियां छिन गयी. साथ ही कई लोगों का व्यापार भी डूब गया. जब अर्थव्यवस्था को अनलॉक किया गया तब स्थिति थोड़ी सुधरती नजर आयी. लेकिन उस वक्त भी रोजगार दर में 2.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी. इसे भी पढ़ें:जेएनयू">https://lagatar.in/nsa-ajit-doval-inspired-the-youth-of-jnu-by-giving-the-message-of-swami-vivekananda/17513/">जेएनयूके युवाओं को एनएसए अजीत डोभाल ने स्वामी विवेकानंद का संदेश देकर प्रेरित किया
नौकरियों पर नहीं दिखा अर्थव्यवस्था में सुधार का असर
देश की आर्थिक स्थिति दिन ब दिन और खराब हो रही है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद थोड़ा सुधार हुआ,लेक्न नौकरियों पर इसका कोई असर तो दिख नहीं रहा है. CMIE के सीईओ महेश व्यास ने कहा कि सरकार का अनुमान था कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. सरकार को उम्मीद है कि दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था और नहीं सिकुड़ेगी. लेकिन रोजगार जिस तरह से छिन रहा है, लगता तो नहीं कि कुछ असर होगा. इसे भी पढ़ें:सिस्टम">https://lagatar.in/the-victim-was-helpless-in-front-of-the-system-sadar-hospital-is-having-an-affair-for-medical-examination/17500/">सिस्टमके आगे बेबस पड़ी दुष्कर्म पीड़िता, मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल का काट रही है चक्कर
पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष की पहली छमाही 15.7 प्रतिशत गिरावट
पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर छमाही की तुलना में इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश के जीडीपी में 15.7 प्रतिशत गिरावट देखी गयी थी. इतना अधिक गिरावट देखने के बाद भी मोदी सरकार बोल रही है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है. इसे भी पढ़ें:LAGATAR">https://lagatar.in/lagatar-impact-investigation-will-be-conducted-against-the-inferior-essayist-avinash-kumar-in-the-land-registry-case-order-for-action-by-20-january/17487/">LAGATARIMPACT: जमीन रजिस्ट्री मामले में अवर निबंधक अविनाश कुमार के खिलाफ होगी जांच, 20 जनवरी तक कार्रवाई का आदेश
शहरी इलाकों, महिलाओं, ग्रेजुएट्स के रोजगार में भी आयी कमी
वित्त वर्ष 2019-20 में देश में कुल रोजगार का 32 प्रतिशत शहरी इलाकों से था. चालू वित्त वर्ष के दौरान दिसंबर 2020 के अंत तक शहरी इलाकों में 34 प्रतिशत नौकरियां छीन गयी हैं. इसी तरह देश के कुल वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी मात्र 11 प्रतिशत है. महिलाओं की नौकरियों में 52 प्रतिशत की कमी आयी है. ग्रेजुएट्स और पोस्ट ग्रेजुएट्स की नौकरियों के हालात भी ठीक नहीं है. 2019-20 में देश के कुल वर्कफोर्स के दौरान इनकी भागीदारी 13 प्रतिशत थी, लेकिन चालू वित्त वर्ष के अंत तक इनकी नौकरी जाने का दर 65 प्रतिशत है. अगर पढ़े लिखे लोगों का देश में यह हाल है तो अशिक्षित लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद तो ना ही के बराबर है. इसे भी पढ़ें:झारखंड">https://lagatar.in/union-energy-ministry-deducted-714-crores-from-rbi-account-of-government-of-jharkhand/17488/">झारखंडसरकार के RBI खाते से केंद्रीय उर्जा मंत्रालय ने काटे 714 करोड़
सैलरीड कर्मचारियों की संख्या में 71 प्रतिशत की गिरावट
देश के कुल वर्कफोर्स में सैलरीड कर्मचारियों की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत है. लेकिन इस श्रेणी में रोजगार जाने की स्थिति भी बदतर है. सैलरीड कर्मचारियों की संख्या में चालू वित्त वर्ष के दौरान 71 प्रतिशत की कमी आयी है. इसे भी पढ़ें:राज्यवासियों">https://lagatar.in/waiting-for-the-state-people-is-over-corona-vaccine-vaccine-reached-jharkhand/17433/">राज्यवासियोंका इंतजार खत्म, कोरोना वैक्सीन का टीका पहुंचा झारखंड

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