Mumbai : पत्रकार राणा अय्यूब को लंदन जाने से रोक दिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी एक लुकआउट सर्कुलर के आधार पर यह कार्रवाई की गयी है. बता दें कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी जांच कर रहा है. राणा अय्यूब मंगलवार शाम मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए एक फ्लाइट लेने वाली थी. खबरों के अनुसार 1 अप्रैल को दिल्ली में पेश होने के लिए राणा अय्यूब को मंगलवार को नया समन जारी किया गया है.
Ayyub told The Wire that the summons was delivered by email to her at 1.46 pm, one hour and 15 minutes before her scheduled 3 pm departure, and more than 90 minutes after she had already been stopped by immigration.https://t.co/2QCo5oioWp
— The Wire (@thewire_in) March 29, 2022
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लंदन की फ्लाइट में चढ़ने से रोके जाने पर राणा ने ट्वीट किया
लंदन की फ्लाइट में चढ़ने से रोके जाने पर राणा अय्यूब ने ट्वीट किया, जब मैं इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्ट्स के एक कार्यक्रम में पत्रकारों को डराने-धमकाने विषयक भाषण देने के लिए लंदन जाने वाली फ्लाइट में जाने वाली थी, तभी मुझे अधिकारियों ने रोक दिया. कहा कि जर्नलिज्म फेस्टिवल में मुझे भारतीय लोकतंत्र पर भाषण देने के तुरंत बाद इटली के लिए रवाना होना था.
ईडी सूत्रों ने अनुसार राणा अय्यूब को दो बार तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने केवल एक समन का जवाब दिया जिसके बाद उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया. राणा अय्यूब को एक अप्रैल को दिल्ली में पेश होने के लिए मंगलवार को नया समन जारी किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अय्यूब ने कहा कि मुझे पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में पहला समन मिला था,
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ताजा समन तब मिला जब उन्हें एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया
जब मुंबई ईडी विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले की जांच कर रहा था. अय्यूब कहा कि इस मामले में मैं न केवल उनसे मिली, बल्कि सभी जरूरी कागजात भी उपलब्ध कराये. फिर मुझे जनवरी में समन मिला लेकिन उस वक्त मैं कोरोना की चपेट में थी इसलिए मैंने और समय मांगा था. अय्यूब के अनुसार ईडी की तरफ से ताजा समन तब मिला जब उन्हें एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया था. राणा अय्यूब ने कहा कि, उन्हें पुरस्कार भी मिलना था. बताया कि वह द गार्जियन अखबर के न्यूज़रूम को भी संबोधित करने वाली थी.
पैसों के गलत इस्तेमाल का आरोप
अय्यूब के अनुसार वह लगातार ईडी के संपर्क में है. कहा कि दिल्ली ईडी जो दस्तावेज मांग रहा है, वह मैं पहले ही मुंबई ईडी में जमा करा चुकी हूं. लेकिन हर बार वह मुझसे कागजात के बारे में पूछते हैं. बता दें कि इस साल फरवरी में ईडी ने मामले के संबंध में अय्यूब से संबंधित 1.77 करोड़ रुपये की राशि जब्त कर ली थी. ईडी का मामला पिछले साल यूपी पुलिस की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें अय्यूब पर आरोप था कि उन्होंने कोविड राहत कार्य के नाम पर केटो प्लेटफॉर्म के माध्यम से पैसा जमा किया, लेकिन इन पैसों को गलत इस्तेमाल किया.
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जुटाया गया धन अपनी बहन और पिता के खातों में जमा कराया
ईडी के अनुसार, अय्यूब ने राहत कार्य के लिए धन का उपयोग करने के बजाय एक अलग चालू बैंक खाता खोलकर कुछ धनराशि जमा की. साथ ही चैरिटी से जमा धन से 50 लाख रुपये की सावधि जमा (एफडी) भी बनाई और बाद में राहत कार्यों के लिए इनका उपयोग नहीं किया. अय्यूब पर ईडी का आरोप था कि उन्होंने जुटाए गए धन को अपनी बहन और पिता के खातों में भी जमा कराया था.
ईडी का यह भी आरोप है कि अय्यूब ने राहत कार्य पर खर्च का दावा करने के लिए नकली बिल तैयार किये. हालांकि, राणा अय्यूब ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं.
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