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4 बार दी JPSC परीक्षा, हर बार कोर्ट में लड़नी पड़ी लड़ाई, अधिकारी न बन सके तो बन गये प्रोफेशनल वकील

Vinit Upadhyay Ranchi: जेपीएससी की परीक्षा देने वाले छात्रों के अधिकारी बनने की गारंटी भले ही न हो. लेकिन परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने ही पड़ेंगे, इस बात की पूरी गारंटी है. जेपीएससी की पहली परीक्षा से लेकर अब तक हुई परीक्षा के सभी मामलों में शुरू से विवाद होता रहा है. लगभग सभी परीक्षाओं से पहले और परीक्षाओं के बाद अलग अलग मामलों को लेकर जेपीएससी के खिलाफ छात्र हाईकोर्ट पहुंचे है. आलम यह है कि कई झारखंड में अधिकारी बनने का सपना संजोकर पढाई करने वाले कई अभ्यर्थी अब दूसरे फील्ड में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. और उन्हें सफलता भी मिल रही है. आज हम आपको एक ऐसे अभ्यर्थी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने जेपीएससी की कोर्ट में लड़ाई लड़ते-लड़ते खुद वकालत कर ली और अब परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ न्यायिक लड़ाई भी लड़ रहे हैं. झारखंड संयुक्त सिविल सेवा की चार परीक्षाओं में शामिल होने वाले जावेद सलीम जेपीएससी की  लड़ाई लड़ते-लड़ते अब खुद वकील बन गये हैं और इन्होने झारखंड हाईकोर्ट में प्रेक्टिस शुरू कर दी है. जावेद सलीम से बातचीत में उन्होंने बताया कि JPSC की 3rd, 4th, 5th और 6th परीक्षा में वे शामिल हुए थे. दो बार मुख्य परीक्षा में भी शामिल हुए और इंटरव्यू भी दिया लेकिन उनका चयन नहीं हुआ. हर परीक्षा में बाद उन्हें और उनके साथ परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियो को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ता था. अदालती कार्रवाई की कई बारीकियां उन्हें समझ नहीं आती थी जिसके कारण कुछ मामलों में छात्रों को नुकसान भी हुआ. जावेद सलीम दो मामलों में प्रार्थी भी बने और जेपीएससी से न्याययिक लड़ाई लड़ने के दौरान वर्ष 2019 में एलएलबी पूरी कर हाईकोर्ट में वकालत शुरू कर दी. जावेद सलीम बताते हैं कि जब एक छात्र के रूप में उन्होंने JPSC की परीक्षा दी तो उन्होंने कभी ये नहीं सोचा था कि जिस संस्था से परीक्षा देकर झारखंड में हज़ारों लोग अधिकारी बने, उसी संस्था की 4 परीक्षा देने के बाद उन्हें वकालत के पेशे में जाना पड़ेगा.

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