- परीक्षा में पारदर्शिता के लिए नियम बनाया गया है कि कट ऑफ मार्क्स जारी किया जायेगा.
- पहले भी जेपीएससी ने कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं किया था, हाई कोर्ट के आदेश पर किया था.
- सफल घोषित और असफल हुए परीक्षार्थियों के मिले नंबरों को सार्वजनिक करने का प्रावधान है.
- अनुशंसित उम्मीदवारों का अंतिम कट ऑफ मार्क्स, कोटीवार आयोग के वेबसाइट पर अपलोड करना है.
- 7-10 वीं सिविल सेवा परीक्षा का कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं किये जाने मामले को कई छात्रो ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
Ranchi: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने अपने ही नियमों का उल्लंघन कर अब तक 11वीं और 13 वीं सिविल परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों की कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं किया है. बिना कट ऑफ मार्क्स के ही रिजल्ट जारी करने की यह दूसरी घटना है. इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट द्वारा कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं करने को न्यायालय की अवमानना मानने की चेतावनी के बाद JPSC ने (7-10 वीं परीक्षा) कट ऑफ मार्क्स और सफल उम्मीदवारों को मिले नंबरों को सार्वजनिक किया था.
उल्लेखनीय है कि JPSC द्वारा आयोजित परीक्षा मे अत्याधिक पारदर्शिता बनाये रखने के लिए आयोग ने एक नियम बनाया था. वर्ष 2015 में (कार्यालय आदेश संख्या 2/परी, जेपीएससी-4/2014/137) बनाये गये इस नियम के तहत परीक्षार्थियों के आवेदनों को रद्द करने के कारणों के अलावा परीक्षा में सफल घोषित और असफल हुए परीक्षार्थियों के मिले नंबरों को सार्वजनिक करने का प्रावधान है. साथ ही इन सूचनाओं को आयोग के वेबसाइट पर 60 दिनों तक उपलब्ध रखना है.
नियम के तहत आयोग को जो करना है
- परीक्षा के बाद नियुक्ति के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों की कोटिवार सूची आयोग के वेबसाइट पर अपलोड करना है.
- नियुक्ति के लिए विभिन्न विभागों को भेजी गयी अनुशंसा की स्कैन कॉपी वेबसाईट पर अपलोड करना है.
- अनुशंसित उम्मीदवारों का अंतिम कट ऑफ मार्क्स, कोटीवार आयोग के वेबसाइट पर अपलोड करना है.
- परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों का मार्क्स वेबसाइट पर अपलोड करना है.
पारदर्शिता के इन प्रावधानों के तहत आयोग ने अब तक इन सूचनाओं को सार्वजनिक नही किया है. दूसरी तरफ आयोग ने 11-13 वीं सिविल सेवा परीक्षा में सफल घोषित उम्मीदवारों की नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है. आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा के आलोक में सफल परीक्षार्थियों के दस्तावेज की जांच का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है.
JPSC ने इससे पहले 7-10वीं सिविल सेवा परीक्षा का कट ऑफ मार्क्स भी न्यायालय के आदेश के बाद ही जारी किया था. 7-10 वीं सिविल सेवा परीक्षा का कट ऑफ मार्क्स जारी नहीं किये जाने मामले को कई छात्रो ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही इसे पारदर्शिता के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन करार दिया था.
कट ऑफ मार्क्स जारी करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएन पाठक की अदालत में हुई थी. मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने 20 दिसंबर 2022 को पारदर्शिता के नियमों का पालन करते हुए कोटि वार कट ऑफ मार्क्स, सफल परीक्षार्थियों के मार्क्स आदि को वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक करने का आदेश दिया था.
न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि निर्धारित समय सीमा में संबंधित सूचनाओं को सार्वजनिक नहीं करने पर उसे न्यायालय का अवमानना माना जायेगा. न्यायालय के इस आदेश के बाद JPSC में कट ऑफ मार्क्स सहित अन्य सूचनाएं सार्वजनिक की थी.
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