की असिस्टेंट टाउन प्लानर परीक्षा सवालों के घेरे में है. पहले चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी और फिर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में हुई गड़बड़ी कई अभ्यर्थियों का करियर अधर में लटक गया है. 41 चयनित उम्मीदवारों में से 29 डिफॉल्टर ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद जारी किये गये प्रमाण पत्र को प्रस्तुत कर रहे हैं, जबकि जेपीएससी के नियम के मुताबिक ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख से पहले सभी आवश्यक प्रमाण पत्र कैंडिडेट के पास होना चाहिए.
जेपीएससी की गलती से अधर में लटका कई अभ्यर्थियों का भविष्य
जेपीएससी की इस गलती के कारण असिस्टेंट टाउन प्लानर के कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पाया. ऐसे ही अभ्यर्थी हैं संजीव कुमार.यूनिवर्सिटी स्वर्ण पदक विजेता रहने, अच्छी योग्यता और 7 वर्ष से अधिक अनुभव होने के बाद भी उनका चयन नहीं हो सका. संजीव का कहना है कि स्थानीयों की हकमारी कर बाहरियों का इस पद के लिए सेलेक्शन हुआ है. जिन लोगों ने पहले कभी झारखंड का दौरा नहीं किया, न ही उन्हें पेशेवर कामकाजी अनुभव है. ऐसे में झारखंड के शहरी विकास में कैसे योगदान दे सकेंगे. उन्होंने झारखंड के शहरी विकास के भविष्य को लेकर चिंता जताई है.लगातार.इन">http://english.lagatar.in">लगातार.इन
ने छापी थी गड़बड़ी की खबर, विधानसभा में भी उठा था मामला
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