: दो गुटों में झड़प, हुई पत्थरबाजी, स्थिति तनावपूर्ण,भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
हिंदी और अंग्रेजी को हटाए जाने के पीछे क्या वजह है
प्रार्थी की अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने बताया कि सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि हिंदी और अंग्रेज़ी को हटाए जाने के पीछे क्या वजह है. इसके साथ ही अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा की बाध्यता सिर्फ़ जेनरल केटेगरी के छात्रों के लिए क्यों है. यह संशोधन क्यों है. इसका आधार क्या है. इसे भी पढ़ें - पीएम">https://lagatar.in/pm-modi-said-family-parties-are-enemies-of-democracy-bjp-is-following-the-mantra-of-ek-bharat-shreshtha-bharat/">पीएममोदी ने कहा, परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र की दुश्मन, भाजपा एक भारत, श्रेष्ठ भारत के मंत्र पर चल रही है
दो सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई
जिसपर सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता मुकुल रहतोगी ने बहस के लिए समय दिए जाने का आग्रह किया. जिस अदालत ने स्वीकार करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है. प्रार्थी रमेश हांसदा की याचिका पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच में सुनवाई हुई. बता दें कि प्रार्थी रमेश हांसदा ने झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए राज्य सरकार द्वारा JSSC नियमावली मे किए गए संशोधन को गलत बताते हुए निरस्त करने की मांग की है. इसे भी पढ़ें - Electoral">https://lagatar.in/supreme-court-agrees-to-hearing-on-electoral-bonds-calcutta-company-donated-40-crores-for-fear-of-raids/">Electoralbond पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी, कलकत्ता की कंपनी ने छापे के डर से 40 करोड़ चंदा दिया! प्रशांत भूषण ने डाली है याचिका [wpse_comments_template]

Leave a Comment