के बाद अब एयरटेल में निवेश करने की तैयारी में गूगल, कंपनी को मिलेगा बूस्टर
विधि परामर्शी ने अपर विधि परामर्शी की टिप्पणी पर जताई सहमति
अपर विधि परामर्शी का कहना है कि इस प्रावधान से सिर्फ वैसे ही अभ्यर्थी परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे. जिन्होंने सिर्फ राज्य में शिक्षा ग्रहण किया हो, भले ही उनके माता-पिता दूसरे राज्य के निवासी हों. जबकि इस राज्य के निवासी अगर दूसरे राज्य से शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करते हैं तो वे पात्र नहीं हो सकते हैं. इसलिए यह प्रावधान व्यवहारिक और विधि सम्मत नहीं लग रहा है. विधि परामर्शी ने विधि पदाधिकारी टिप्पणी पर सहमति जताई है. इसे भी पढ़ें -धर्मांतरण">https://lagatar.in/conversion-case-gujarat-police-said-60-crores-came-from-dubai-through-hawala-funding-was-done-to-103-mosques/143594/">धर्मांतरणकेस : गुजरात पुलिस ने कहा, दुबई से हवाला के जरिए आये 60 करोड़, 103 मस्जिदों को की गयी फंडिंग
संशोधन को लेकर पहले से ही जताई जा रही आपत्ति
गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की 5 परीक्षा संचालन नियमावली और 3 नियुक्ति नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट में पास कर दिया है. इसके तहत जेएसएससी के द्वारा ली जाने वाली मैट्रिक, इंटर और स्नातक स्तरीय परीक्षाओं में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को राज्य के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से शैक्षणिक अहर्ता पूरी करनी होगी. साथ ही अभ्यर्थी को स्थानीय रीति रिवाज और भाषा की भी जानकारी होनी चाहिए. बीजेपी समेत कई राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया है. उनका भी यही तर्क है कि इस संशोधन से राज्य के बाहर पढ़ने वाले मूलवासी छात्रों के साथ हकमारी होगी. इसे भी पढ़ें -थर्ड">https://lagatar.in/tatanagar-barbil-passenger-to-be-cancelled-from-september-1-to-11-due-to-third-line-work/143590/">थर्डलाइन के काम के कारण 1 से 11 सितंबर तक रद्द रहेगी टाटानगर – बड़बिल पैसेंजर [wpse_comments_template]
Leave a Comment