Jamshedpur : जुगसलाई बजरंग टेकरी की लक्ष्मी देवी नामक महिला का शव जमशेदपुर नहीं पहुंच पाया. काफी जद्दोजहद के बाद सीएमसी हॉस्पिटल वेल्लोर ने महिला का शव परिजनों को सौंपा. लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से परिजन शव जमशेदपुर नहीं ला पाए. महिला के परिजन दो दिनों से जमशेदपुर के सांसद और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. महिला के देवर रणधीर कुमार ने बताया कि लक्ष्मी देवी हार्ट रोग से पीड़ित थी. उन्हें इलाज के लिए सीएमसी वेल्लोर में भर्ती कराया गया था. वहां एक सितंबर को उनका निधन हो गया. अस्पताल का 92 हजार रुपए बिल बकाया था. इस कारण अस्पताल प्रबंधन महिला का शव परिजनों को नहीं सौंप रहा था. इसको लेकर वेल्लोर में महिला के पति जितेन्द्र सिंह और अन्य परिजन परेशान थे.
दो दिन अस्पताल में ही पड़ा रहा शव, 12 हजार रुपए जमा करने पर परिजनों को प्रबंधन ने सौंपा शव
वहीं जमशेदपुर में रह रहे परिजन भी महिला का शव अस्पताल से छुड़वाने और यहां लाने के लिए प्रयासरत थे. रणधीर कुमार ने बताया कि इसकी जानकारी सांसद विद्युत वरण महतो को दी गई. लेकिन उनके जमशेदपुर में नहीं रहने के कारण कोई मदद नहीं मिली. सांसद के निजी सहायक संजीव कुमार ने इस मामले में जिले के उपायुक्त से मदद की पहल की. लेकिन उपायुक्त की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली. इधर दो दिन महिला का शव अस्पताल में ही पड़ा रहा. किसी तरह परिजनों ने 12 हजार रुपए का इंतजाम कर अस्पताल में जमा किया. इसके बाद शव परिजनों को सौंपा गया. रणधीर कुमार ने बताया कि परिजनों की इच्छा शव को जमशेदपुर लाने की थी. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ऐसा नहीं हो सका. किसी तरह वेल्लोर में ही महिला का दाह संस्कार कर दिया गया. उन्होंने कहा कि महिला के पति गोलगप्पा बेचकर परिवार चलाते हैं.