Ranchi : झामुमो ने इलेक्शन कमीशन से अंतिम आशा और अपील किया है. कहा कि ईसी को अपनी साख बचाने के लिए लिए चार जून का सही समय है. वह अपने गठन के उद्देश्यों के तहत काम करते हुए पूरी दुनिया के सामने एक मिशाल कायम करने का काम करेंगी. क्योंकि आज हर शहरी और ग्रामीण मतदाता आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है. अब तक देश का सबसे लंबा चुनावी कार्यक्रम जो एक पार्टी विशेष के लिए किया गया. देश की आजादी के बाद 1951 में चुनाव आयोग का गठन हुआ. आयोग के लिए एक नियम और नीति बनायी गयी ताकि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सभी को समान अधिकार और अवसर प्राप्त हो. सभी समान रूप से अपनी भावना व्यक्त कर सकें. देश आजादी के बाद पहली बार इतना लंबा चुनावी अभियान चला. यह पहली बार हुआ कि चुनाव आयोग ने जिस प्रकार से पार्टी विशेष के पक्ष में चुनाव के कार्यक्रम और तिथियां तय की. इसके साथ ही जो वक्तव्य की, जो शालीनता होनी चाहिए उसका मान मर्दन किया गया. उस पर आयोग ने आंख मूंदे और कान बंद रखा. इतना ही नहीं अपने होठ भी सिल लिए. यह बातें जेएमएण के महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
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मतगणना को लेकर इलेक्शन कमीशन से झामुमो की मांग
पोस्टल वैलेट की गणना पहले राऊंड में हो
पोस्टल वैलेट से इस बार कई सेक्टर, वर्ग को जोड़ा गया. हमारी मांग है कि उन मतों का मिलान और गिनती पारदर्शी तरीके से सबसे पहले राऊंड में होना चाहिए. उसे बचाकर रखने की जरूरत नहीं है.
फार्म 17 सी काऊंटिंग एजेंट को हर हाल में उपलब्ध कराएं
इलेक्शन कमीशन ने मतदान के आंकड़े जो एक जून को वोट हुआ, उसका एग्जेक्ट प्रतिशत और आंकड़ा अब तक नहीं आया है. जबकि चार जून को मतगणना है. इसलिए फॉर्म 17 सी जो वोट कॉस्टेड इन ऑल ईवीएम उसकी उपलब्धता हर काऊंटिंग एजेंट के सामने में हो. चुनाव आयोग इसे हर हाल में सुनिश्चित करे.
पावर कट होने पर वैलेट यूनिट री-स्टार्ट करने में मैनीकुलेट की संभावना प्रबल
किसी भी तरह का पावर कट न हो. पहले से ही डीजल जनरेटर चलाकर, उसका पावर बैकअप 24 घंटे रहना चाहिए, पहले से ही. क्योंकि यदि पावर कट होगा, जो वैलेट यूनिट है, उसको री-स्टार्ट करने में कहीं न कहीं मैनीकुलेट हो सकता है.
प्रत्याशी संतुष्ट होने के बाद ही फाइनल रिजल्ट जारी हो
हर चुनाव के बाद उसमें प्रोग्रामिंग होता है, इसलिए उसके मैनीकुलेशन की आशंका से कोई भी इनकार नहीं करता है. एक कंट्रोल यूनिट होता है, उससे वैलेट यूनिट में आता है. उससे वैरीफाई मशीन और वीवीपैड तक जाता है. यह तीन मशीनें हैं. जो पर्चिंयां हैं, वीपीपैट में, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था सुनिश्चित किया है कि कहीं पर भी किसी प्रत्याशी को आशंका हो तो यह शुल्क जमा करके उसका मिलान कर सकता है. इसलिए चुनाव आयोग से मांग है कि आप अंतिम नतीजा घोषित करने के पहले यह जरूर सुनिश्चित करवा लें कि जो उम्मीदवार है, वह पूरी तरह से मतगणना से संतुष्ट हो जाए, अगर कोई भी आशंका रहे तो वीवीपैट का भी मिलान जरूर करें.
देश में दो तरह की मीडिया
सुप्रियो ने कहा कि देश में दो तरह के मीडिया अभी काम कर रहे हैं. एक आरामदेह मीडिया और एक संघर्षशील मीडिया. आरामदेह मीडिया को कॉरपोरेट घराने चला रहे हैं, जो फिल्ड में जाकर गलत डाटा लाकर न्यूज रूम में उसपर बहस कराते हैं और देश को दिशाहीन करने का काम करते हैं. मगर इस चुनाव के एक्जिट पोल में यह आरामदेह मीडिया ने एक बहुत अच्छा काम किया है, गलत फैक्ट लाकर मोदी सरकार को 330 सीट से एक्जिट कर दिया है. क्योंकि एक्जिट का मतलत होता है, निकासी या बाहर निकलने का रास्ता.
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