Saurav Singh
Ranchi: झारखंड पुलिस के जूनियर अधिकारी अपने सीनियर अधिकारियों को घटना की सूचना देर से दे रहे हैं. हाल के दिनों में जेवरात चोरी की घटना, माओवादियों द्वारा विस्फोट कर भवन उड़ाने की घटना और निर्दोष लोगों पर एफआईआर की जानकारी पुलिस अधिकारियों ने अपने सीनियर्स को देर से दी है. अब इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों को शो-कॉज किया गया है. जानिए किन-किन मामले में देर से दी गई जानकारी.
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80 लाख के जेवरात हेराफेरी में सिमडेगा एसपी को शो-कॉज
छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित नवकार ज्वेलर्स से बीते दो अक्टूबर 2021 को चोरों ने 80 लाख के जेवरात की चोरी की थी. वहां से भागने के क्रम में तीन अक्टूबर को सिमडेगा के बांसजोर ओपी क्षेत्र में चेकिंग के दौरान स्कार्पियो से भारी मात्रा में जेवरात की बरामदगी हुई थी. छह अक्टूबर को एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि पांच अक्टूबर को चेकिंग के दौरान चार अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी. लेकिन जेल सिर्फ दो ही अपराधियों को भेजा गया. जेवरात जब्त करने वाले अधिकारियों-कर्मियों को पुरस्कृत भी किया गया. जिस मामले में ये अधिकारी पुरस्कृत हुए, उसी मामले में ये अधिकारी-कर्मी जेवरात की हेराफेरी में जेल भी भेजे गए. इस मामले में सिमडेगा के एसपी को शो-कॉज किया गया है.
गुमला एसपी ने देर से दी घटना की जानकारी
25 नवंबर को माओवादियों द्वारा कुरूमगढ़ थाना उड़ाये जाने के मामले पर गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारिब को शो-कॉज नोटिस जारी किया है. बता दें कि माओवादियों ने 25 नवंबर की रात करीब 12.30 बजे नये थाना भवन को विस्फोट कर उड़ाया था. गुमला एसपी को घटना की जानकारी दूसरे दिन 26 नवंबर की सुबह 6.30 बजे मिली. जिसके बाद उन्होंने अपने ऊपर के अधिकारी को दो घंटे के बाद 8:30 बजे दी. पुलिस मुख्यालय ने लापरवाही बरतने के आरोप में शो-कॉज किया है. जवाब मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय इसकी समीक्षा कर निर्णय लेगा.
थाना प्रभारी ने एसपी को देर से दी घटना की जानकारी
कुरूमगढ़ के नये थाना भवन के आधा हिस्सा को नक्सलियों ने बम विस्फोट कर उड़ा दिया था. इस घटना में कुरूमगढ़ थाना प्रभारी की चूक मानी गयी थी. इसलिए इस मामले में कार्रवाई करते हुए कुरूमगढ़ थाना के थाना प्रभारी रूपेश कुमार को हटाते हुए लाइन हाजिर कर दिया गया है. 25 नवंबर 2021 की रात 12.30 बजे भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने कुरूमगढ़ के नये थाना भवन में बम लगाकर भवन के आधा हिस्सा को उड़ा दिया था. भवन को उड़ाने से पहले नक्सलियों ने भवन में सो रहे सात मजदूरों को पहले बाहर निकाला था. भवन को उड़ाने के बाद भी एक घंटे तक नक्सली कुरूमगढ़ में जमे हुए थे. परंतु कुरूमगढ़ थाना प्रभारी द्वारा थाना में हुए हमले की सूचना समय पर नहीं दी गयी थी.
एसपी को नहीं दी गई ग्रामीण पर मामला दर्ज करने की जानकारी
गोड्डा जिला में बालू माफिया के प्रभाव में आकर पुलिस पदाधिकारियों द्वारा ग्रामीणों पर कार्रवाई की गयी. इस मामले में वाई एस रमेश ने सदर एसडीपीओ आनंद मोहन सिंह, पोड़ैयाहाट के इंस्पेक्टर क्रिस्टोफर बी मुर्मू और पोड़ैयाहाट के थानेदार गजेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
गौरतलब है कि पोड़ैयाहाट थाना में बीते दिनों बालू तस्कर के इशारे पर निर्दोष लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने सहित अन्य आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसकी जानकारी एसपी को नहीं दी गई थी.
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