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राष्ट्रपति कोविंद ने जस्टिस एनवी रमना को भारत के चीफ जस्टिस पद की शपथ दिलाई

जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो गये

NewDelhi : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने  आज शनिवार को जस्टिस एनवी रमना को देश के 48वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के रूप में शपथ दिलाई. बता दें कि जस्टिस रमना ने CJI एसए बोबडे की जगह ली है, जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो गये. श्री बोबडे ने  जस्टिस रमना के नाम का प्रस्तावित राष्ट्रपति को भेजा था.

 CJI बनने वाले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले जज

जस्टिस रमना आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पहले ऐसे जज हैं, जो CJI बने हैं. जस्टिस रमना 26 अगस्त 2022 को रिटायर होंगे. यानी उनका कार्यकाल दो साल से कम बचा है. नवंबर 2019 में जस्टिस बोबडे ने 47वें सीजेआई के रूप में शपथ ली थी. जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस बोबडे को CJI बनाया गया था.

1983 में जस्टिस रमना ने वकालत की शुरुआत की

स्टिस रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था. 10 फरवरी 1983 को उन्होंने वकालत की शुरुआत की. 27 जून 2000 को वे आंध्रप्रदेश के हाईकोर्ट में स्थायी जज के तौर पर नियुक्त हुए. जस्टिस रमना को फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था.  

  तीन ऐतिहासिक फैसलों में शामिल रहे हैं जस्टिस रमना

जस्टिस रमना ने 10 जनवरी 2020 को जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट के निलंबन पर तत्काल समीक्षा करने का फैसला सुनाया था. वे उस ऐतिहासिक बेंच में भी शामिल थे, जिसने 13 नवंबर 2019 को CJI के ऑफिस को RTI के दायरे में लाने का फैसला दिया था.जस्टिस रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने जनवरी 2021 में फैसला दिया कि किसी घरेलू महिला के काम का मूल्य उसके ऑफिस जाने वाले पति से कम नहीं है.

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