Khargone : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. धीरेंद्र शास्त्री पर अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया है. इन आरोपों को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में आ गये हैं. उन्होंने अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा लगाये गये आरोपों को मिथ्या करार दिया है.
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प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जायेगा
खबरों के अनुसार छतरपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में 23 जनवरी को शांतिपूर्ण रैली निकाली जायेगी. संकट मोचन मंदिर में शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है. जान लें कि यात्रा को लेकर प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जायेगा. बैठक में कहा गया कि पीठाधीश्वर के खिलाफ षड्यंत्र रचे जा रहे हैं. देश का सनातन समाज उनके साथ है. जानकारी के अनुसार सोमवार, 23 जनवरी को दोपहर 12 बजे रामचरित मानस मैदान से रामधुन यात्रा निकाली जायेगी.
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मैं तो उनका छोटा सा साधक हूं
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे हनुमानजी और संन्यासी बाबा पर विश्वास है. सब कुछ उनकी कृपा से ही होता है. मैं तो कुछ भी नहीं, मैं तो उनका छोटा सा साधक हूं. इसलिए उन पर इस तरह के आरोप लगाना मिथ्या है. सनातन धर्म में उनके जैसे बहुत सारे लोग हैं.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जावरा दरगाह में लोग जमीन पर लोटते, पिटते हैं, लेकिन इस बारे में कोई बात नहीं करता. क्या किसी ने जावरा पर सवाल किया है. एक हिंदू महात्मा के सामने इस तरह की घटना होती है, तो प्रश्नचिह्न उठाते हैं.
हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे : धीरेंद्र शास्त्री
मशहूर कथावाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने एक दिन पहले आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं. हम इस बात का दावा नहीं करते कि हम कोई समस्या दूर कर रहे हैं. मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं.
हमारा डिस्क्लेमर है कि हम कोई संत नहीं हैं
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अनुच्छेद-25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार है और उसी के तहत वह धर्म का प्रचार करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा डिस्क्लेमर है कि हम कोई संत नहीं हैं. कहा कि मैं नागपुर से नहीं भागा. यह सरासर झूठी बात है. हमने पहले ही बता दिया था कि 7 दिन का ही कार्यक्रम होगा. इसके बाद उन्होंने कहा कि जब मैंने दिव्य दरबार लगाया था तब शिकायत लेकर क्यों नहीं आये? ये छोटी मानसिकता के लोग हैं और हिंदू सनातन के विरोधी हैं.