Ranchi : दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बहु सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन ने एक भावुक पोस्ट किया है. अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने बड़े ही मार्मिक अंदाज में गुरुजी के प्रति अपने भावों को लिखा है. विधायक ने लिखा है कि जब पूरा देश आपको अश्रुपूरित नेत्रों से विदा कर रहा है, मैंने एक कोना पकड़ लिया है. अपनी आधी जिंदगी जिस वटवृक्ष के साये में महफ़ूज होकर काटी, आज आपके जाने से वह बेटी-सी बहू अपनी टूटी हुई हिम्मत बटोरने का साहस नहीं कर पा रही है.
प्रिय बाबा,
— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) August 8, 2025
जब पूरा देश आपको अश्रुपूरित नेत्रों से विदा कर रहा है,
मैंने एक कोना पकड़ लिया है,
अपनी आधी जिंदगी जिस वटवृक्ष के साये में महफ़ूज़ हो कर काटी - आज आपके जाने से वह बेटी-सी बहू अपनी टूटी हुई हिम्मत बटोरने का साहस नहीं कर पा रही है।
मैं जानती हूं,
आप सिर्फ मेरे ससुर… pic.twitter.com/3KdH41Cc9H
आप झारखंड के बाबा थे
मैं जानती हूं, आप सिर्फ मेरे ससुर नहीं थे, आप झारखंड के बाबा थे, हर उस बच्चे के, जिसने जंगलों की गोद में जन्म लिया और संघर्ष को पहली सांस में महसूस किया. जब मैं पहली बार इस परिवार में आई, तो आपके व्यक्तित्व पर गौरव हुआ. आपकी सादगी, आपकी आवाज में ठहराव और सबसे जरूरी आपका सुनना. आप सुनते थे हर किसान की चिंता, हर औरत का दर्द, हर मां की खामोशी हर झारखंडी के अरमान.
आपके पास बड़ी डिग्रियां से भी बड़ी दृष्टि दूरदर्शी थी
आपने राजनीति को घर की तरह जिया, जहां सत्ता नहीं, संबंधों का सम्मान होता है. आपके पास बड़ी डिग्रियां से भी बड़ी दृष्टि दूरदर्शी थी. आपने केवल झारखंड को खड़ा नहीं किया. हम सबको आत्मनिर्भर होने का हौसला दिया. जब आप “झारखंड” कहते थे, तो वो शब्द भूगोल नहीं, संवेदना बन जाता था.
मैंने आपको कभी पिता की तरह देखा
बाबा, मैंने आपको कभी पिता की तरह देखा, कभी एक संत की तरह और कभी एक तपस्वी की तरह, जो न सत्ता चाहता था, न वाहवाही, बस अपनी माटी की, अपने लोगों की इज्जत चाहता था. आज आप नहीं हैं, पर आपकी चाल की गूंज हर गांव के रास्ते पर है. आपकी चप्पलों की खामोशी हर विधानसभा में गूंज रही है. बाबा, आपने झारखंड को छोड़ा नहीं है. आप तो हर उस बेटी की आंखों में हैं, जो अपने जंगल, अपने खेत, अपने सपनों को बचाना चाहती है. आप हर उस मां की सांस में हैं, जो चाहती है कि उसके बेटे भी एक दिन आपकी तरह “गुरु” एवं सच्चे इंसान बने. आपका सपना, अब हमारी जिम्मेदारी है.
मैं आपकी बहु नहीं बेटी हूं
कल्पना ने आगे लिखा कि मैं, एक बहू नहीं ,आपकी बेटी हूं, आपसे वादा करती हूं कि आपका नाम सिर्फ इतिहास में नहीं रहेगा, वो हर लड़की के साहस में, हर गांव के संघर्ष में और झारखंड की हर सांस में जिंदा रहेगा. आपको झारखंड की हर बेटी का नम्र प्रणाम. आप हमारे संस्कार बन गए हैं. आपके बिना जीना मुश्किल है, पर आपके सपनों को जीना अब हमारा धर्म है.
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