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केंदू पत्ता मजदूरों में बंटेगी 2 करोड़ रूपये, पश्चिमी वन क्षेत्र के जंगल से 6.20 करोड़ का राजस्व मिलने से संग्राहकों में बोनस की बढ़ी उम्मीद

Simdega : कोरोना संकट से जूझ रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. वनोत्पाद और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले सिमडेगा जिले में नये वर्ष के लिए समय से टेंडर कराने में वन विकास निगम सफल रहा है. खास बात यह भी है कि पूरे राज्य में सबसे ज्यादा कीमत पर सिमडेगा के पश्चिमी वन क्षेत्र में पड़ने वाला बोलबा का तलमंगा जंगल बिका है. 2021 में अकेले इस वन क्षेत्र के केंदू पत्ते के लिए 3 करोड़ 10 लाख रुपये राजस्व सरकार को मिला है. जिनमें से लगभग आधी राशि मजदूरों को बंटेगी. बताया गया है कि इस क्षेत्र के पत्ते की गुणवत्ता पूरे राज्य में सबसे बेहतर होने के कारण खरीददारों ने ऊंची बोली लगायी है. पश्चिमी वन क्षेत्र में पड़ने वाले बोलबा के अलावा ठेठईटांगर, तलमंगा, कोनपाला और कुरडेग के जंगल भी बिक चुके हैं. सरकार को टेंडर से 6 करोड़ 20 लाख रुपए राजस्व हासिल हुआ है. पूर्वी रेंज में पड़ने वाले केंदू लीफ के जंगलों का टेंडर अभी नहीं हुआ है. इसे भी पढ़ें -सरायकेला:">https://lagatar.in/saraikela-nia-will-investigate-the-case-of-killing-of-five-policemen-including-two-asis/10028/">सरायकेला:

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समय से टेंडर होने का मजदूरों को मिलेगा लाभ

फायदा समय पर केंदू पत्ते का टेंडर हो जाने से पत्ता मजदूरों को आने वाले साल भरपूर काम मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है. केंदू के पत्ते की तोड़ाई समय से होने पर मजदूरों के बीच 2 करोड़ रुपए बटेंगे. निगम के क्षेत्र पदाधिकारी प्रिंस ने बताया कि चालू वर्ष में कोरोना के चलते मजदूरों को 90 लाख रुपए ही मजदूरी बन पायी थी. बताया गया है कि पिछले वर्ष की भरपाई के लिए पश्चिमी रेंज के अधिकारी कई हफ्तों से टेंडर पूरा कराने में जुटे हुए थे. मजदूर केंदू वनों की ऊंची बोली लगने से उत्साहित है. इसे भी पढ़ें- सिमडेगा">https://lagatar.in/simdega-police-officials-meeting-important-guidelines-given/10023/">सिमडेगा

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केंदू वनों की ऊंची बोली लगने से उत्साहित है वन विभाग

विभाग पिछले तीन वर्षों में विभाग के द्वारा कुल 13 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया था. आगामी वर्ष के लिये 6 करोड़ से ज्यादा की रॉयल्टी जुटाने में सफल रहे विभाग के अधिकारी उत्साहित हैं. क्षेत्र पदाधिकारी प्रिंस ने कहा कि विभाग के द्वारा वर्ष 2016 से 2018 तक की प्रोत्साहन राशि का भुगतान संग्राहकों को किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों के प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी जल्द संग्राहकों को हो जायेगी. 2016 में 75 लाख रुपये तथा 2017 में 95 लाख रुपए का बोनस संग्राहकों में बंटा था. इसे भी पढ़ें -जेपीसीसी">https://lagatar.in/jpcc-spokesperson-accused-of-attacking-the-center-inflation-and-revenue-collection-said-government-is-engaged-in-breaking-the-farmers-movement/9998/">जेपीसीसी

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