Garhwa : महर्षि वेदव्यास परिषद, झारखंड के तत्वावधान में चौधरी जेनरल हॉस्पिटल, गढ़वा के परिसर में केवट जयंती समारोह का आयोजन किया गया. सभी पदाधिकारियों ने केवट जी के चरणों में पुष्प अर्पित किया. महर्षि वेदव्यास परिषद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कुलदेव चौधरी ने कहा कि केवट जी सागर तो प्रभू राम को भवसागर पार किया था. इससे साफ संदेश है कि समाज में सभी लोगों की जरूरत है. निषादराज निषादों के राजा का उपनाम है. वह श्रृंगवेरपुर के राजा थे. उनका नाम गुहराज निषाद था. सम्मान पूर्वक उन्हें निषादराज कहते हैं. वे निषाद समाज के ही थे और उन्होंने ही वनवास काल में राम, सीता तथा लक्ष्मण को केवट से कहकर गंगा पार करवाया था. राजा गुहराज निषाद भगवान राम के बाल सखा थे. निषादराज और भगवान राम ने एक ही गुरुकुल में रहकर शिक्षा प्राप्त की थी. निषाद राज मछुआरों और नाविकों के मुखिया थे. राम को जब वनवास हुआ तो वह सबसे पहले तमसा नदी पहुंचे, जो अयोध्या से 20 किलोमीटर दूर है. इसके बाद उन्होंने गोमती नदी पार की और प्रयागराज (इलाहाबाद) से 20 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था. यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था.
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युवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सिकन्दर चौधरी ने युवाओं को ललकारते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि निषाद समाज को अपने नाव को खुद मजबूत करना होगा, तभी नैया पार होगी, वरना हमारे लिए कोई भगवान बनकर नहीं आनेवाला हैं. मौके पर प्रदेश संगठन मंत्री ब्रह्मदेव चौधरी, युवा परिषद प्रदेश सचिव ओमकार चौधरी, पलामू जिला अध्यक्ष भरदुल चौधरी, नारी शक्ति परिषद के गढ़वा जिलाध्यक्ष शारदा चौधरी, रामनाथ चौधरी, संजय चौधरी, राजू चौधरी, पूर्व मुखिया शिवकुमार चौधरी, अनिल चौधरी, रामजन्म चौधरी, संजय धर दुबे, शिवकुमार दुदुन, पंकज गुप्ता, बिस्मिल्ला अंसारी, फैयाज अंसारी आदि उपस्थित थे.
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