- यूपीए की सरकार के द्वारा 2013 में सरना धर्म कोड को व्यवहारिक नहीं बताने के लिए भी आदिवासियों से माफी मांगें
- सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट दाखिल करके राम लला के अस्तित्व को नकारने के मुद्दे पर भी माफी मांगें
Ranchi : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने रविवार को मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से झारखंड यात्रा के दौरान सार्वजनिक रूप से विभिन्न मुद्दों पर गलतबायनी करने के लिए माफी मांगने की मांग की है. प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने राम मंदिर का शुद्धिकरण करने की बात को कहकर कांग्रेस के आदिवासी और ओबीसी विरोधी रवैया को दिखा दिया है. एक आदिवासी बेटी राष्ट्रपति पद पर और एक पिछड़ा समाज से प्रधानमंत्री इनको पच नहीं रहा है. राम मंदिर के शुद्धिकरण की बात कर रहे हैं और वह भी तब जब हाल ही के दिनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वहां की यात्रा की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्राण-प्रतिष्ठा में यजमान के रूप में शरीक हुए थे. कांग्रेस ऊपर से शुद्धिकरण के लिए जो बहाने बनाए पर आदिवासी और ओबीसी समाज को अपमानित करने का इनका पुराना रिकॉर्ड रहा है.
कांग्रेस के मंत्री ने कहा था, सरना धर्म कोड लागू करना प्रैक्टिकल नहीं
प्रतुल ने सरना धर्म कोड पर भी कांग्रेस को घेरते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे से जानना चाहा कि जब तत्कालीन सांसद सुदर्शन भगत ने 22 अगस्त, 2013 को तत्कालीन प्रधानमंत्री और आदिवासी कल्याण मंत्री से पत्र लिखकर सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग की थी. तत्कालीन आदिवासी कल्याण मंत्री वी किशोर चंद्रदेव ने 11 फरवरी, 2014 को जवाब देते हुए कहा था कि सरना धर्म कोड लागू करना प्रैक्टिकल नहीं है. अलग सरना कोड देने से ऐसे सैकड़ों अन्य मांग दूसरे धर्म में भी हो सकता है. आज कांग्रेस सरना धर्म कोड लागू करने की मांग करने का नाटक कर रही है. जबकि इनकी ही सरकार ने इसे नकारा था. यूपीए की तत्कालीन सरकार ने 13 सितंबर, 2007 में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अस्तित्व को सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट करके नकारा था और रामायण को एक काल्पनिक ग्रंथ बताया था. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस मुद्दे पर भी अपनी झारखंड यात्रा के दौरान माफी मांगनी चाहिए.
प्रथम दृष्टया सारे तार आलमगीर आलम से ही जुड़े दिखते हैं
प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के सहायक के घर से 30 करोड़ रुपए की रिकवरी ईडी ने की थी. अभी भी इनपुट के आधार पर लगातार छापेमारी हो रही है और करोड़ों रुपए बरामद हो रहे हैं. अब तो खबरें आ रही है कि ईडी ने आलमगीर आलम को 14 मई को बुलावा भी भेजा है. प्रथम दृष्टया सारे तार आलमगीर आलम से ही जुड़े दिखते हैं. तो क्या सुचिता की राजनीति का नाटक करने वाली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर अपनी खामोशी तोड़ेंगे और जांच पूरी होने तक आलमगीर आलम से इस्तीफा लेंगे. प्रतुल ने कहा कि पूरी की पूरी गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और पूर्व मुख्यमंत्री भी जेल की हवा खा रहे हैं.
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