सरायकेला छऊ से भी जुड़ी हुई हैं गांधी की यादें
राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन पटनायक ने कहा कि सरायकेला के विश्व प्रसिद्ध छऊ नृत्य के कई प्रशंसकों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी नाम आता है. देश की आजादी के पूर्व गांधी जी ने सरायकेला के छऊ नृत्य को देखा था और जमकर इस नृत्य की प्रशंसा की थी. शास्त्री जी के जय जवान, जय किसान का नारा वर्तमान समय में बहुत अधिक प्रासंगिक है. शिक्षक विश्व रंजन त्रिपाठी ने कहा कि गांधी दर्शन को आत्मसात करने की आवश्यकता है. राजा गोपाल नारायण सिंहदेव ने कहा कि गांधी जी का मानना था कि ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाने का एकमात्र हथियार अहिंसा और सच्चाई का रास्ता है. कार्यक्रम को कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया है. मंच का संचालन छऊ नृत्य कला केंद्र, खरसावां के संयोजक दिलदार ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन पिनाकी रंजन ने किया.कई लोगों को किया गया सम्मानित
मौके पर सूचना जनसंपर्क अधिकारी सुनील सिंह, बीडीओ गौतम कुमार, खरसावां राजघराने की राजमाता विजया देवी, राजा गोपाल नारायण सिंहदेव, मानवाधिकार सहायता संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अनूप सिंहदेव, मुखिया मंजू बोदरा, खरसावां थाना प्रभारी प्रकाश रजक, आमदा ओपी प्रभारी मो नौसाद, बिरसा मुंडा वेलफेयर सोसाइटी, कुचाई की सचिव राजलक्ष्मी कमल, ग्राम प्रधान साम्बो राउत, मो खालिद खान आदि को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.alt="" width="300" height="169" />
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