Saraikela/Kharsawan : गुरुकुल के निदेशक गजेंद्र नाथ चौहान ने बाल अधिकार दिवस पर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव समय की मांग है और बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए समग्र समाधान आधारित दृष्टोकण को अपनाने की जरूरत है. गरीबी और परिवार की असक्षमता एक ऐसा कारण है जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है.
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वे कभी बाल मजदूरी के लिए मजबूर होते हैं तो कभी तस्करों के चंगुल में फंसकर मानसिक और शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं. इस समस्या का समाधान भी हमारी वर्तमान व्यवस्था में उपलब्ध है, जिसे चिन्हित कर परिवार को उन सभी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए. मौके पर ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यवेक्षक उमेश उरांव, रवींद्र उरांव, सोनाक्षी उरांव, रागिनी उरांव, खुशी उरांव और बच्चे उपस्थित थे.
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