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खरसावां : ओड़िया समुदाय के लोगों ने मनाया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

Saraikela/Kharsawan : ओड़िया समुदाय के लोगों ने सरायकेला व खरसावां में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया. खरसावां के गोपबंधु चौक में उत्कल सम्मीलनी जिला समिति के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया. समारोह में उत्कलमणि पं गोपबंधु दास और उत्कल गौरव मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. लोगों ने अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति लोगों में रुझान पैदा करने, जागरुकता फैलाने व बच्चों को घर में मातृभाषा की शिक्षा देने का संकल्प लिया. उत्कल सम्मीलनी के जिलाध्यक्ष हरिश चंद्र आचार्य ने कहा कि भाषा-संस्कृति में ही हमारी पहचान छिपी हुई है. जिला महासचिव सुशील षाड़ंगी ने कहा कि भाषाई विविधता हमेशा से ही हमारी सभ्यता का आधार रहा है. मातृभाषा सिर्फ संवाद का ही माध्यम नहीं है, बल्कि हमारी जीवन शैली, संस्कृति, पहचान व संस्कार का आधार है. नंदु पांडेय ने कहा कि पं गोपबंधु दास हमेशा कहा करते हैं कि ‘उच्च हेबा पांई करो जेबे आशा, उच्च करो आगे निजो मातृभाषा` (आगे बढ़ने की उम्मीद करने से पहले अपनी मातृभाषा को आगे बढ़ायें). समारोह में अजय प्रधान, चंद्र भानु प्रधान, रंजीत मंडल, भरत मिश्रा, नयन नायक, जयजीत षाड़ंगी आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : रांची">https://lagatar.in/condition-of-government-schools-in-ranchi-girls-school-worse-than-boys-school/">रांची

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सरायकेला में भी मनाया गया विश्व मातृभाषा दिवस

सरायकेला में भी ओड़िया समुदाय के लोगों ने विश्व मातृभाषा दिवस मनाया. मौके पर गोपबंधु चौक पर उत्कलमणि पं गोपबंधु दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गयी. ओड़िया समुदाय के लोगों ने अपनी मातृभाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ व्यवहार पर भी बल दिया. इस दौरान सरायकेला नगर पंचायत अध्यक्ष मीनाक्षी पटनायक, बद्री दारोघा, रीता दुबे, राजा ज्योतिषी, कान्हु महापात्र, काशीनाथ कर, दीपक कर आदि उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-life-imprisonment-to-lover-for-strangling-to-death-of-girlfriend-in-birsanagar/">जमशेदपुर

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क्या है मातृभाषा दिवस और क्यों मनाया जाता है?

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सामान्य सम्मेलन ने 17 नवंबर 1999 में मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की. इसमें फैसला लिया गया कि 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि दुनियाभर की भाषाओं और संस्कृति का सम्मान हो. विश्व भर में भाषाओं और सांस्कृतिक विविधता का प्रचार-प्रसार और दुनिया में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है. विश्व में अंग्रेजी, जापानी, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 6900 भाषाएं हैं जो विश्व भर में बोली जाती हैं. इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम हैं. भारत में 1961 की जनगणना के अनुसार 1652 भाषाएं बोली जाती हैं. [wpse_comments_template]

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