Kharsawan : सेंट्रल सिल्क बोर्ड (कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार) के वैज्ञानिक (डी) डॉ. एमएस राठौड़ ने खरसावां स्थित बुनियादी तसर बीज प्रगुणण व प्रगुणण केंद्र (बीएसएमटीसी) का मुआयना किया. मौके पर डॉ. एमएस राठौड ने कहा कि बीएसएमटीसी का कार्य न्यूक्लीयस बीज का अधिक से अधिक उत्पादन कर झारखंड समेत आस-पास के प्रांतों को उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि बीएसएमटीसी से 100 अधिग्रहित तसर किसानों के साथ-साथ 25-30 हजार किसान अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए है. बीएसएमटीसी में उत्पादित बीज की गुणवत्ता काफी अच्छी है और इसकी मांग भी अधिक है. बीएसएमटीसी से उत्पादित न्यूक्लीयस बीज राज्य सरकारों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है.
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महिलाओं के लिये चलाया जा रहा सशक्तिकरण योजना
डॉ. एमएस राठौड ने बताया कि महिला किसानों के लिये महिला किसान सशक्तिकरण योजना चला कर उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा रहा है. बड़ी संख्या में महिलाएं समुह बना कर कार्य कर रही है. इससे उनकी आर्थिक उन्नती भी हो रही है. खरसावां-कुचाई समेत पूरे झारखंड में वन्य क्षेत्र अधिक होने के कारण तसर उत्पादन की संभावना काफी अधिक है. पिछले वर्ष देश भर में तसर कोसा के दाम में भी काफी बढ़ौतरी हुई है. तसर की खेती में मिल रही रोजगार के कारण हाल के दिनों में किसानों का रुझान इसके प्रति बढ़ा है. बीएसएमटीसी द्वारा इसको लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जायेगा, ताकि आगे की जरुरतों को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि तसर किसानो के लिये केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं का लाभ भी किसानों तक पहुंचाया जा रहा है.
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