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खरसावां: सिलपिंगदा के ग्रामीणों ने किया वन भूमि में ट्रेंच खुदाई का विरोध

Kharsawan: खरसावां के सिलपिंगदा गांव के चार टोला के ग्रामीणों ने वन भूमि में ट्रेंच खुदाई का विरोध किया है. ग्रामीणों ने वन विभाग पर ट्रेंच खुदाई के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़-पौधों को काटने का भी आरोप लगाया है. इसको लेकर खरसावां के सिलपिंगदा गांव के ईचापीढ़ी, गोजाडुंगरी, बादीपीढ़ी, गोटापीढ़ी टोला के ग्रामीणों की बैठक बुधवार को टोलापीढ़ी में बुधन सिंह सरदार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में मुख्य रूप से वन विभाग की ओर से की गई ट्रेंच खुदाई व पौधारोपण पर चर्चा की गई. ग्रामीणों ने बताया कि किसी तरह की योजना के लिये वन विभाग को आवेदन नहीं दिया गया था. इसके बावजूद भी वन विभाग ट्रेंच खुदाई व पौधारोपण की योजना चला रही है. योजना लेने के पूर्व ग्राम सभा से चर्चा तक नहीं की गई थी. इसे भी पढ़ें: खरसावां">https://lagatar.in/odia-community-worshiped-lord-surya-on-sambo-dashami-in-kharsawan/">खरसावां

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नष्ट हुए पेड़-पौधों की क्षतिपूर्ति ग्राम सभा को देने की मांग

ग्रामीणों ने आरोप लगाया गया कि 27 वर्षों से रक्षित किए गए पेड़-पौधे, जड़ी-बूटी व जंगली फलदार वृक्षों को वन विभाग द्वारा ट्रेंच खुदाई के दौरान नष्ट कर दिया गया. उस स्थान पर वैसे पेड़ लगाएगी, जिससे ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है. ग्रामीणों ने वन भूमि में ट्रेंच खुदाई का विरोध करते हुए कहा कि 27 वर्षों से बगैर ट्रेंच के ही वनों को संरक्षित किया गया था. ग्रामीणों ने ट्रेंच कटिंग स्थल को समतल करने की मांग की. ग्रामीणों ने ट्रेंच कटिंग के दौरान साल, आसन, सीधा, बेला, करम, पियाल आदि प्रजाति के पेड़ों को बड़े पैमाने पर काटने का आरोप लगाते हुए ग्राम सभा को क्षतिपूर्ति देने की मांग की.

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में पहुंचे लोगों ने निर्णय लिया कि पूरे मामले की जानकारी जिला के वरीय पदाधिकारियों को देंगे. बैठक में जबुना सरदार, जितु महतो, रीना सरदार, राजोबाला सरदार, सुमी सोय, पिंकी बोदरा समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें: खरसावां">https://lagatar.in/buru-mage-was-organized-with-traditional-rituals-at-the-shakti-sthal-akarshini-peeth-of-kharsawan/">खरसावां

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