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खूंटी : मृत शिक्षक के खाते में 54 लाख का अवैध भुगतान, लिपिक सस्पेंड, जांच के घेरे में DEO

Khunti :  खूंटी जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां एक मृत शिक्षक के खाते में 54 लाख रुपये से अधिक की राशि का अवैध भुगतान किया गय. हैरानी की बात यह है कि मृत शिक्षक के नाम पर दो बार वेतन का भुगतान भी किया गया, जिससे गंभीर वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है. विभागीय जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद शिक्षा विभाग ने लिपिक चक्रधारी बड़ाईक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अपरूपा पाल चौधरी के खिलाफ जांच अब भी जारी है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/05/Untitled-2-34.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> क्या है मामला? ईटीवी भारत, झारखंड में छपी खबर के अनुसार, फ्रांसिस तोपनो, जो एसपीजी मध्य विद्यालय, तांबा रनिया में कार्यरत थे, उनका निधन 28 अप्रैल 2020 को ही हो गया था. उनके निधन के बाद वर्ष 2011 से 2021 तक वेतन मद का 54,22,377 रुपये का भुगतान किया गया. विभागीय जांच में पाया गया कि इस भुगतान प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती गयी. लिपिक चक्रधारी बड़ाईक और डीईओ अपरूपा पाल चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने इस भुगतान से जुड़े आवश्यक दस्तावेज (उपस्थिति पंजी व अवकाश स्वीकृति) की जांच नहीं की. इतना ही नहीं, मार्च 2015 से अक्टूबर 2015 के बीच मृत शिक्षक को दो बार वेतन का भुगतान किया गया, जिससे गंभीर वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है. इसे भी पढ़ें : शेयर">https://lagatar.in/stock-market-crashed-sensex-dropped-800-points-power-grid-shares-slipped-2-84/">शेयर

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समाजसेवी दिलीप मिश्रा की शिकायत पर सरकार ने लिया संज्ञान पूर्व झाविमो जिला अध्यक्ष व समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था. उन्हीं की शिकायतों के आधार पर राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए जांच समिति गठित की. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के आदेशानुसार, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गणेश कुमार को मुख्य जांच पदाधिकारी और अरशद जमाल को सहायक जांच पदाधिकारी नियुक्त किया गया था. जांच में दोष सिद्ध होने पर शिक्षा विभाग ने झारखंड सरकारी सेवक नियमावली, 2016 के तहत लिपिक चक्रधारी बड़ाईक को निलंबित कर दिया. निलंबन अवधि में उन्हें लोहरदगा मुख्यालय में स्थानांतरित करते हुए जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा. वहीं डीईओ अपरूपा पाल चौधरी के खिलाफ अभी जांच चल रही है. लेकिन मृत शिक्षक के खाते से हुए अवैध भुगतान और पीएमश्री योजना में पाई गई अनियमितताओं को लेकर उनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जा सकती है. इसे भी पढ़ें : बांका">https://lagatar.in/banka-two-teachers-caught-making-fake-attendance-show-cause-notice-issued/">बांका

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