khunti : झारखंड में इस साल आम की फसल काफी अच्छी हुई है. लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है. क्यों कि उनकी फल को खरीदने वाला खरीदार नहीं मिल रहा है. दिनभर सड़क के किनारे बैठने के बाद भी 100 रुपये से ज्यादा की कमायी नहीं हो पा रही है. किसानों अपने बगीचे में ही फल गिरा छोड़ दे रहे है. जो सड़ कर बर्बाद हो रहा है.
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100 रुपये से ज्यादा नहीं कमा पा रहे किसान
झारखंड के खूंटी जिले में इस साल आम की बंपर पैदावार हुई है. हर गांव के आम पेड़ में इतनी ज्यादा आम लगे है कि किसानों को उसका दाम तो दूर खरीदार भी नहीं मिल रहे. हालांकि किसान के घर के बच्चे और महिलाएं सड़क किनारे आम की टोकरी लेकर बेचने के लिए दिन भर का इंतजार करते है. जिसके बाद भी एक या दो ही खरीदार उनके आम को खरीदने आते है. तो सही दाम नहीं मिल रहा है. जिससे बगीचे में पके आम को तोड़ना तो दूर जमीन पर गिरे आम को चुनने वाला कोई नहीं.
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जमीन आम से ढक गयी है
मुरहू के हेसेल बगीचा के बीच सड़क पर इतना आम बिखरे पड़े हैं कि जमीन आम से ढक गया है. वाहन आम को रौंदकर पार कर रहे हैं. आम बेच रही कुछ महिलाओं ने बताया कि दिन भर सड़क किनारे बैठे रहने से 100 रुपये से ज्यादा नहीं मिल पाता .और ढो कर लाये हुए आम पूरा बिक भी नहीं पाता है तो फेंक कर चले जाते हैं.
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बगीचा में एक से बढ़ कर एक मीठे आम है
किसान विमल मिंजुर ने बताया कि बगीचा में एक से बढ़ कर एक मीठे आम है, लेकिन इस बार इतना ज्यादा फल दिया है कि बाजार में इन आम की मांग ही नहीं है. इसलिए पेड़ से गिरे आम को कोई चुनता भी नहीं है. वहीं आज कल कई इलाकों में विभिन्न संस्थाओं के द्वारा जो आम्रपाली, मालदा और अन्य किस्म के आम लगवाया गया था वो भी बहुत ज्यादा फल दिया है. लोगों को सस्ते दाम में वो आम मिल जा रहा है इसलिए इन देशी आम की मांग नहीं है. आम की कीमत भी नहीं मिल पा रही है.
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