Kiriburu (Shailesh Singh) : किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के संयुक्त तत्वावधान में ट्रेड यूनियन सीआईटीयू (सीटू) का 10वां अधिवेशन आज 24 अगस्त को आरएमडी वर्कर्स यूनियन (सीटू) तथा सामुदायिक भवन किरीबुरु प्रांगण में शुरू हुआ. सम्मेलन का शुभारंभ भगवान बिरसा मुंडा, डा. भीमराव अंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण, एसडब्लूएफआई के महासचिव ललित मोहन मिश्रा द्वारा झंडोतोलन एवं शहीद वेदी पर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा माल्यार्पण के बाद किया गया. आज के अधिवेशन में सीटू किरीबुरु एंव मेघाहातुबुरु इकाई की नई कमिटी का गठन भी होना है. नई कमिटी के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा सम्मेलन के दूसरे सत्र में की जाएगी.
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सरकार राष्ट्र एवं पब्लिक सेक्टर की सम्पत्तियों को बेच रही: सीटू
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सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि 1990 से ही सरकार द्वारा राष्ट्र एवं पब्लिक सेक्टर की सम्पत्तियों, कल-कारखाने, उपक्रमों, खदान आदि को जमीन के साथ बेचने का कार्य चल रहा है. इसे हम सभी संगठित होकर अभी तक काफी हद तक रोकने का कार्य कर रहे हैं. भाजपा व बीएमएस को छोड़ सभी मजदूर व राजनीतिक संगठन केंद्र सरकार के इस नीति के खिलाफ लडा़ई लड़ रहे हैं. आगे भी संगठित होकर लडा़ई को और तेज करना होगा. अधिवेशन को महासचिव एसडब्लूएफआई ललित मोहन मिश्रा, उपाध्यक्ष एसडब्लूएफआई एवं झारखंड राज्य सीटू बीडी प्रसाद, , विश्वरूप बनर्जी, काली कुमार सन्याल, दीपक घोष, नबेन्दू सरकार, निमाई घोष एवं स्वप्न सरकार (सभी सचिव, एसडब्लूएफआई), गुरुपदो बनर्जी (उपाध्यक्ष, एसडब्लूएफआई), इन्द्रमणी बेहरा (कन्वेनर, खान), लक्ष्मण ठाकुर आदि ने संबोधित किया.
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इन मांगों को लेकर आयोजित किया गया सम्मेलन
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मजदूर नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि यह अधिवेशन जनवरी 2017 से एरियर का एकमुश्त भुगतान, पदाधिकारियों के समान पर्क व एरियर का भुगतान, ग्रेच्युटी पर सिलिंग को वापस करने, 13 फीसदी एमजीबी के साथ 2 फीसदी इन्क्रीमेंट देने, सस्पेंडेड मजदूरों के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई और माइन्स में ट्रान्सफर को वापस करने, ठेका मजदूरों को सेल की न्यूनतम मजदूरी, ग्रेच्युटी, ग्रुप बीमा, रात्रि पाली भत्ता, इन्सेंटीव-रीवार्ड समेत अन्य भत्ता देने आदि मांगों के लिए सीटू का 10वां सम्मेलन आज आयोजित किया गया है.
प्रबंधन का दबाव मजदूरों पर दिखाई पड़ रहा है: सीटू
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नेताओं ने कहा कि उक्त मांगों को लेकर 4-5 अगस्त को सब-कमिटि की बैठक दिल्ली में हुई थी. नतीजा शून्य निकला. सेल प्रबंधन ने अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने का रोना रोया. प्रथम तिमाही में 776 करोड़ रुपया का शुद्ध मुनाफा सेल ने कमाया फिर भी कहा कि वह कम है. अगली तिमाही में घाटा होने की संभावना बताई. सेल ने 12000 करोड़ रुपया बैंक से कर्ज लिया है. इसलिए सेल एरियर का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है. सीटू ने प्रबंधन के तर्क को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. लेकिन प्रबंधन बेखौफ है. 30 जून की ऐतिहासिक हड़ताल के बाद मजदूरों का दबाव प्रबंधन पर दिखाई पड़ना चाहिए थी, लेकिन ठीक इसके उल्टा आज प्रबंधन का दबाव मजदूरों पर दिखाई पड़ रहा है.
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मजदूर विरोधी मेमोरंडम के खिलाफ सीटू लगातार संघर्षरत
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नेताओं ने कहा कि हड़ताल के दौरान एनजेसीएस यूनियनों की बनी एकता को तोड़ने में प्रबंधन सफल रही. अपनी शर्तों पर तैयार की गई मजदूर विरोधी मेमोरंडम पर 21 अक्टूबर 2021 को इंटक, एटक और एचएमएस यूनियनों से हस्ताक्षर करवाने में प्रबंधन सफल रही. यहीं से प्रबंधन खुलकर मजदूरों के खिलाफ हमलावर हो गई है. मजदूर विरोधी मेमोरंडम के खिलाफ सीटू लगातार संघर्षरत रहा है. इसके खिलाफ 5 जनवरी 2022 को सेलव्यापी हड़ताल का अह्वान पर 11 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक प्लांट के अंदर मजदूरों के बीच मिटिंग की गई. मजदूर विरोधी मेमोरंडम की सही-सही जानकरी मजदूरों को दी गई. बड़ी संख्या में मजदूरों ने भाग लिया. मजदूरों में काफी गुस्सा है. मजदूरों का गुस्सा जायज है.
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क्या कारण है कि मजदूरों को जनवरी 2017 से एरियर नहीं मिला : सीटू
नेताओं ने कहा कि पिछले वर्ष 2021 में 12015 करोड़ रुपया का शुद्ध मुनाफा कमा कर मजदूरों ने दिया है. वर्ष 2022 के प्रथम तिमाही में भी 776 करोड़ रुपया का अच्छा मुनाफा कमाया है. आखिर क्या कारण है कि मजदूरों को जनवरी 2017 से एरियर नहीं मिला! जबकि मेमोरंडम पर हस्ताक्षर करने वाली यूनियनों के नेता लगातार कहते आ रहे हैं कि बस एक-दो महीना में एरियर मिल जाएगा. प्रबंधन से बात हो गई है. अभी भी प्रबंधन के दबाव में कुछ न कुछ बोलते रहते हैं, जबकि एक साल बीतने वाला है. और तो और चार मजदूरों का सस्पेंशन भी बिना शर्त वापस नहीं करवा सके. सीटू किसी यूनियन की आलोचना नहीं करना चाहता है. इससे मजदूरों की समस्या हल नहीं होगी.
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सभी यूनियनों को एक साथ आंदोलन करना होगा : सीटू
नेताओं ने कहा कि सभी यूनियनों खासकर एनजेसीएस यूनियनों को जिन्होंने मेमोरंडम पर हस्ताक्षर किया है या नहीं किया है, उनको सीटू विनम्रता पूर्वक याद दिलाना चाहता है कि मजदूरों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. प्रबंधन मजदूरों का बकाया एरियर भी नहीं देगी, मजदूरों को सजा भी देगी, ट्रांसफर भी करेगी, ग्रैच्युटी पर मनमाने तरीके से सिलिंग भी लगाएगी, ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं देगी, ग्रैच्युटी, ग्रुप इंश्योरेंस, रात्रिपाली भत्ता, मकान भाड़ा भत्ता, इंश्योरेंस-रीवार्ड भी नहीं देगी और मजदूर चुपचाप सहता रहेगा. ऐसा नहीं होगा. इसलिए सभी को एक साथ आंदोलन करने की जिम्मेदारी है. वरना मजदूर माफ नहीं करेगा.
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यह थे उपस्थित
इस दौरान मुख्य रुप से अक्षय कुमार, राम विलाप पासवान, एस एस पी सिंह, सहजादा अहमद, निरंजन कुमार शाह, अर्जुन पूर्ति, प्रफुल्ल मंडल, अशोक मंडल, सोनु सौरभ तिवारी, संदीप कुमार शाहा, संजीव कुमार, बदन गिरी, मिथलेश कुमार, मनजीत सिंह, सुरेश पात्रो, रवीन्द्र बेहरा आदि के अलावे किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, बोकारो, दुर्गापुर, बोलानी आदि के दर्जनों प्रतिनिधि शामिल हैं.