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किरीबुरु : भाकपा माओवादी ने पांच अप्रैल को झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल व असम में किया बंद का आह्वान

Kiriburu : भाकपा माओवादी के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने पांच अप्रैल को एक दिवसीय झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम में बंद का आह्वान किया है. यह बंद केंद्रीय कमेटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो सदस्य अरुण कुमार भट्टाचार्जी (कंचन दा) की गिरफ्तारी के विरोध में किया गया है. प्रवक्ता संकेत ने कहा है कि कंचन दा को गिरफ्तार कर पूछताछ के नाम पर मानसिक यातना दी जा रही है. वे अस्वस्थ हैं, लेकिन उनके समुचित इलाज और आवश्यक दवा नहीं दी जा रही है. उन्हें राजनीतिक बंदी का दर्जा देने और अविलम्ब बिना शर्त रिहा करने की मांग की गई है. जारी पत्र में कहा गया है कि केन्द्रीय कमेटी व पूर्वी रोजनल ब्यूरो सदस्य 72 वर्षीय अरुण कुमार भट्टाचार्जी (कंचन दा) और एक स्थानीय आकाश उरांव (राहुल) को असम पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने साजिश के तहत अन्यायपूर्ण ढंग से सात मार्च को असम के कछार जिला के उधारबंद थानान्तर्गत पतिमारा चाय बागान के समीप आलोग्राम नगाडॉग से गिरफ्तार किया गया है. इसे भी पढ़ें : चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-in-the-block-hundreds-of-acres-of-fields-are-growing-in-the-fields-of-hot-paddy/">चाकुलिया

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कंचन दा 70 के दशक में क्रांतिकारी आंदोलन में कूदे थे

कंचन दा नक्सलबाड़ी आन्दोलन से प्रेरित होकर 70 के दशक से ही क्रांतिकारी आन्दोलन में कूद पड़े थे. भाकपा माओवादी के संस्थापक नेता कन्हाई चटर्जी के नेतृत्व में गठित माओवादी कम्युनिस्ट केन्द्र (एमसीसी) से उन्होंने 1970-71 से ही जुड़कर तत्कालीन बिहार राज्य के हजारीबाग जिला के गोमियां आनान्तर्गत लुगु जिलगा (झुमरा) पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक प्रचार प्रसार एवं संगठन के निर्माण के काम में योगदान देकर संघर्ष में कदम रखा. इसी क्षेत्र में कामकाज के दौरान 1972 में गिरफ्तार होकर जेल भी जा चुके हैं.  वर्ष 2018 में इआरबी की 9 वीं बैठक के बाद उनको इआरबी की ओर से असम राज्य के कामकाज का दिशा निर्देशन को जिम्मेदारी दिया गया था. 2014 में केन्द्र में फासिस्ट भाजपा नेता एनडीए की नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद ऑपरेशन ग्रीन हंट दमन अभियान को और तीव्र रूप से चलाया जा रहा है. इसी दमन अभियान के तहत 2017 से 2022 तक "मिशन समाधान" के तहत माओवादी आन्दोलन को कुचल डालने और माओवादियों का सफाया करने के लक्ष्य से दमन अभियान को और क्रूरतापूर्ण ढंग से चलाया जा रहा है. [wpdiscuz-feedback id="g1b0c7e8i1" question="Please leave a feedback on this" opened="1"][/wpdiscuz-feedback]

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