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Kiriburu (Shailesh Singh) : कोल्हान में पुलिस द्वारा उत्पन्न वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखकर भाकपा माओवादी संगठन के दक्षिणी जोनल कमिटी ने 17 अप्रैल से कोल्हानवासियों के नाम 10 बिन्दुओं पर अति आवश्यक अपील पत्र जारी किया है. इस पत्र में अपील की गई है कि कोल्हान में पुलिसिया दमन अभियान अभी भी जारी है. इसलिए जंगल, पहाड़ों और रास्ता घाट में पुलिस को लक्षित करने के उद्देश्य से लगाये गये बारूदी सुरंग, बुबी ट्रैप माइन तथा स्पाइक होल ज्यों के त्यों वैसा ही पड़ा हुआ है. पुलिस जब अपना यह दमन अभियान को बन्द करेगी तब हम भी उक्त तमाम युद्ध सामग्री को उठा लेंगे.
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इसकी जानकारी कोल्हानवासियों को आधिकारिक रूप से बाद में दी जायेगी. आप तमाम ग्रामीणों, लकड़हारों, चरवाहों को सूचित किया जाता है कि आपलोग पहले जैसी सावधानी बरतते आये हैं, वैसी ही सावधानी बरतें. इस मामले में अनदेखी व लापरवाही बिल्कुल ही नहीं करें. किसी भी अनहोनी को अनदेखी तथा पुलिस के बहकावे या दबाव में आकर गांव से दूर जंगल-पहाड़ में बिल्कुल ही नहीं घुसें और इस पुलिसिया दमन अभियान बन्द होने तक मवेशियों को भी पहले से निर्धारित इलाके में ही चराते रहें. आप यह गलतफहमी में नहीं रहें कि जंगल जल गई है या बहुत दिन बीत गया है. अब यहां, इधर कुछ नहीं है सोचकर लापरवाही में अपना मूल्यवान प्राण न गंवाएं. बारूदी सुरंग सहित तमाम उपकरण जमीन के नीचे हैं. रोड-रास्ता व गांव के अगल-बगल के जंगल, पहाड़ में काटकर गिराया हुआ लकड़ी या किसी अनजान तथा अनहोनी चीजों को देखने पर वहां से तुरंत लौट जाएं. उसे बिल्कुल ही नहीं छुएं, क्योंकि बारूदी सुरंग, बुबी ट्रैप माइन व स्पाइक होल ऑटोमैटिक तरीके से लगाया गया है. वह टच होते ही विस्फोट हो जाता है. क्षणभर में किसी की भी प्राण चली जाएगी या स्पाइक होल में गिरकर घायल अथवा मारे जा सकते हैं.
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गाड़ी मालिक व ड्राईवर भी पूर्व सूचना को वैसा ही अवश्य पालन करें यानी रोड रास्ता में गाड़ी चलाने की समय सारणी पर ध्यान दें तथा बीच-बीच में हॉर्न बजाते चलें. आपको भी यह मालूम है कि थोड़ी सी भूल से बड़ी दुर्घटना होती है. इस पुलिसिया दमन- अभियान के कारण आप तमाम ग्रामीण वनोपज सहित अन्य आवश्यक चीजों को संग्रह करने के लिए जंगल पहाड़ नहीं जा पाने से आपका आर्थिक स्रोत बन्द होने व जान-माल तक के तमाम तरह की नुकसान होती है. आपकी इस समस्या व परेशानी को हम समझ रहे हैं और इसे हम अपने तरीके से हरसम्भव हल करने का प्रयास कर रहे हैं. कोल्हान में चल रहे लड़ाई व संघर्ष से उत्पन्न तमाम समस्या व परेशानी का जिम्मेवार तथा पहलकदमी हमारे हाथ में नहीं है. यह पुलिस-प्रशासन के हाथों में है. इसलिए वही उसकी जिम्मेवार है तथा उसी पर निर्भर करता है युद्ध में उन्माद. गांव से दूर जंगल-पहाड़ व नदी-नालों में महुआ चुनने, पियार व केन्दु पत्ता तोड़ने, मछली मारने सहित किसी भी कार्यों के लिए बिल्कुल ही नहीं जाएं.
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हमारी अतिआवश्यक पूर्व सूचना व अपील को अनदेखी तथा घोर अवहेलना कर आये दिन बारूदी सुरंग, बुबी ट्रैप माइन और स्पाइक होल की चपेट में आकर अपना जान गंवा और घायल हो रहे हैं. इसके जिम्मेवार हम नहीं सरकार व पुलिस-प्रशासन एवं खुद भुक्तभोगी लोग हैं. हमारी लड़ाई पुलिसकर्मी के साथ भी नहीं है. लेकिन वे लोग शोषक शासक वर्गों के पक्ष में लड़कर फोकट में अपना जान गंवा रहे हैं, जिसका हमें खेद है. आप तमाम कोल्हानवासियों से यह भी अपील किया जाता है कि इस दौरान अपने आपको बचने के लिए तमाम तरह की सावधानियां बरतने के साथ-साथ सरकार तथा पुलिस-प्रशासन से भी इस पुलिसिया दमन अभियान को अविलम्ब बन्द करने व ग्रामीण क्षेत्रों से पुलिस कैम्प अविलम्ब वापस लेने की मांग करें.
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