Kiriburu(ShaileshSingh) : जगन्नाथपुर अनुमंडल सह प्रखंड क्षेत्र के कलईया पंचायत क्षेत्र में रोजाना भारी वाहनों के परिचालन से ग्रामीण काफी परेशान हैं. भारी वाहनों के परिचालन से यहॉं की सड़के पूर्व में पूरी तरह से जर्जर हो चुकी थी. ग्रामीणों द्वारा लंबे संघर्ष किए जाने के बाद कलईया समेत अन्य पंचायत की जर्जर सड़कों का निर्माण हाल के दिनों में हुआ है. अब सड़क पर भारी वाहनों का परिवहन वर्जित कर दिया गया है. बावजूद इसके भारी वाहनों का यहाँ से आना जाना लगा रहता है. अब ग्रामीणों ने संगठित होकर आरपार की लडा़ईलड़तेहुयेसड़कों पर उतर कर गिट्टी आदि के परीवहन कार्य में लगे तमाम भारी वाहनों का परिचालन को पूरी तरह से रोकने का फैसला किया है. इस संबंध में कलईया पंचायत की मुखिया जयश्री तिरिया, पंचायत समिति सदस्य आदि ग्रामीणों ने संयुक्त आवेदन कुछ दिन पूर्व उपायुक्त, जगन्नाथपुर के एसडीओ तथा नोवामुंडी थाना पुलिस को भी दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ग्रामीणाें ने बताया कि टीडीपीएल, टीएमएम एंव सीटीएस नामक गिट्टी क्रशर से पिछले एक माह से वैद्य अथवा अवैध तरीके से दिन-रात उक्त पंचायत की सड़क से भारी वाहनों का परिचालन किया जा रहा है. इस सड़क पर भारी वाहनों का परिवहन वर्जित है. इसके बावजूद पिछले एक माह से उक्त तीनों क्रशर से रात-दिन ओडिशा आदि राज्यों के भारी वाहनों से ओवर लोड गिट्टी की ढुलाई वैद्य व अवैध तरीके से हो रही है.झारखण्ड सरकार ने भी बालू, गिट्टी आदि खनिज सम्पदा के अवैध कारोबार के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया है. इसके बावजूद यह कार्य नहीं रुक रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि हमारे पंचायत के विभिन्न गांवों में सड़क किनारे स्कूल है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने जाते हैं. इसके अलावे ग्रामीण मोटरसाईकल व पैदल आवागमन करते हैं. ऐसे में भारी वाहनों के तेज रफ्तार में चलने से दुर्घटना के साथ-साथ सड़क टूटने की संभावना बनी हुई है.
क्रशर संचालक सीएसआर के तहत नहीं कर रहे विकास कार्य
ग्रामीणों ने कहा की उक्त गिट्टी क्रशर वर्ष 2007 से संचालित है लेकिन सीएसआर हेतु इनके द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता है. गिट्टी खदान व क्रशर संचालकों के द्वारा क्षेत्र में चिकित्सा, एम्बुलेंस सुविधा, स्कूल की चाहरदीवारी आदि कार्य नहीं किया जाता है. ग्रामीणों ने कहा है कि अगर भारी वाहन से गिट्टी ढुलाई नहीं रुकी तो वे लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. ग्रामीणों की इस मांग पर असंगठित कामगार यूनियन ने भी अपना समर्थन देने का ऐलान किया है.
Leave a Reply