alt="" width="600" height="400" /> इसे भी पढ़ें : किरीबुरु">https://lagatar.in/kiriburu-one-injured-in-collision-between-car-and-bike-admitted-to-hospital/">किरीबुरु
: कार एवं बाइक में टक्कर में एक घायल, अस्पताल में भर्ती दूसरी ओर सभी पूजा पंडालों के लिये पिछले 27 वर्षों से मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार पुष्पेन्दु दास ने बताया कि पहले 25 स्थानों पर पूजा होती थी. वह सभी स्थानों के लिये मूर्ति बनाते थे, लेकिन अब मात्र 10 स्थानों पर विश्वकर्मा पूजा हो रही है. इससे साफ पता चल रहा है कि बेरोजगारी, महंगाई आदि वजहों से लोगों में पूजा का उत्साह कम हुआ है. क्षेत्र की तमाम निजी खदानें बंद होने से बेरोजगारी चरम पर है. लोगों के पास पैसा नहीं है कि वह अपना परिवार पालें या फिर सामूहिक पूजा के आयोजन में सहयोग राशि देकर पूजा करें. [wpse_comments_template]
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