- झारखंड में बालू पर रोक संबंधी कोई सरकारी आदेश पत्र नहीं मिलने से एक्स्टेंशन रूका
Kiriburu (Shailesh Singh) : पश्चिम सिंहभूम जिले में बालू घाटों की निलामी नहीं होने तथा बालू नहीं मिलने की वजह से सेल की किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, गुआ आदि खदान प्रबंधनों के अधीन संचालित तमाम प्रकार के कन्स्ट्रक्सन कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. सेल के ठेकेदार बालू समस्या को लेकर लंबे समय से परेशान हैं. निविदा शर्तो अनुसार समय पर कार्य पूरा नहीं होने की वजह से उन्हे पेनाल्टी लगने अथवा काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा है. सेल प्रबंधन उन्हें कार्य अवधी का विस्तार (एक्स्टेंशन) नहीं दे रही है.
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ठेकेदारों को सेल प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है कि बालू घाट झारखण्ड में बंद है तो इसका सरकारी आदेश की कौपी ठेकेदार दिखायें तब एक्सटेंशन दिया जायेगा. ठेकेदार इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके पास बालू घाट की निलामी नहीं होने अथवा झारखण्ड सरकार द्वारा बालू का उठाव पर रोक लगाने संबंधित ऐसा कोई सरकारी आदेश खनन विभाग, वन विभाग आदि कार्यालयों से नहीं मिल पा रहा है.
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सेल के ठेकेदार सह ठेकेदार वेलफेयर एसोसिएशन किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के अध्यक्ष राज कपूर गुप्ता ने कहा कि झारखंड सरकार झारखंड के बालू घाटों को जल्द खोले. बालू के अभाव में हमलोगों का भवन निर्माण व कन्स्ट्रक्शन से जुड़ा सारा काम प्रभावित हो गया है. काम बंद होने से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. ईट, गिट्टी, सेमेंट का कारोबार भी प्रभावित हुआ है. इससे जुड़े कारोबारियों व दुकानदारों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बिना बालू के उक्त समान खरीदकर भी हम काम नहीं कर सकते. सेल जैसी संस्थान में अवैध बालू का इस्तेमाल हम कर नहीं सकते हैं तथा किरीबुरु क्षेत्र में अवैध बालू नहीं के बराबर आ रहा है. ओडि़सा से आने वाली बालू काफी महंगे दामों पर मिल रही है.
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समय पर कोई कार्य पूरा नहीं होने से फार्म के काली सूची में जाने का खतरा बना हुआ है. सारंडा क्षेत्र में संचालित तमाम प्रकार के विकास कार्य भी बालू के अभाव में पूरी तरह से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि पूरे झारखण्ड में बालू के अभाव में लाखों मजदूर बेरोजगार हो गये हैं एवं इससे जुड़े अन्य कारोबार में अरबों रूपये का नुकसान हो रहा है. सरकार अथवा प्रशासन हमें ऐसा कोई प्रमाण दे जिसमें यह उल्लेख हो कि झारखण्ड में बालू का कारोबार पर रोक है. ताकि हम सेल प्रबंधन को देकर कार्य अवधि विस्तार ले सके तथा काली सूची में जाने से बच सके.