Kiriburu (Shailesh Singh): पश्चिम सिंहभूम जिला के टोंटो प्रखंड का सबसे सुदूरवर्ती एवं घोर नक्सल प्रभावित बुंडू गांव के शिक्षित युवाओं व ग्रामीणों ने सरकार से विकास की मांग की है. इसे लेकर सभी ने आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को बुंडू के मुंडा गुनाराम अंगारिया एवं सामाजिक कार्यकर्ता राजेश पूर्ति की संयुक्त अध्यक्षता में गांव की समस्या एवं विकास को लेकर विशेष बैठक हुई. बैठक में लोगों ने कहा कि सरकार ने उनके गांवों में विकास का कोई कार्य नहीं किया. दुःख की बात यह है कि बुंडू गांव का नाम सरकार से लेकर पुलिस-प्रशासन एवं तमाम एजेंसियां जानती तो हैं लेकिन अच्छे कार्य की वजह से नहीं, बल्कि नक्सल गतिविधियों की वजह से. जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है. क्योंकि सभी ग्रामीण गांव का सर्वागीण विकास प्रारम्भ से चाहते हैं जो आज तक नहीं हुआ. ग्रामीणों ने बताया कि आज भी उनके गांव में पक्की सड़क नहीं है. 30 किलोमीटर दूर पैदल चलकर सरकारी राशन लेने लुईया गांव जाना पड़ता है. बारिश में नदी-नाला भर जाने एवं रास्ते में किचड़ हो जाने की वजह से वे लोग राशन लेने भी नहीं जा पाते.
इसे भी पढ़ें : चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-information-about-welfare-schemes-given-in-the-meeting-of-block-twenty-point-implementation-committee/">चक्रधरपुर
: प्रखंड बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति की बैठक में कल्याणकारी योजनाओं की दी गई जानकारी [caption id="attachment_714174" align="aligncenter" width="600"]

https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/kiriburu-tonto-1.jpg"
alt="" width="600" height="400" /> बैठक में शामिल बुंडू गांव के युवक व ग्रामीण[/caption]
गांव में जाने से घबराती है पुलिस
ग्रामीणों ने गांव में ही पीडीएस राशन दुकान खोलने, रोवाम में थाना बनाए जाने, स्कूल भवन का निर्माण, शुद्ध पेयजल के लिए बेहतर व्यवस्था, गांव में आने-जाने हेतु पुल-पुलिया एवं पक्की तथा पीसीसी सड़क का निर्माण करने एवं युवाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था करने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र एवं टोंटो प्रखंड का बुंडू गांव का नाम सुनते ही पुलिस-प्रशासन के कान खडे़ हो जाते हैं. इस गांव में जाने से पहले पुलिस-प्रशासन विशेष योजना बनाती है एवं एसओपी का पालन करती है. बैठक में मुंडा गुनाराम अंगारिया, राजेश पुरती, डकुआ गाजी अंगारिया, शिक्षक कृष्णा तोपनो, रवीन्द्र पुरती, कृष्णा अंगारिया, श्रीराम अंगारिया, नाथो पूर्ति, जुम्बरु अंगारिया आदि ग्रामीण मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें : रांची">https://lagatar.in/monthly-lok-adalat-in-ranchi-civil-court-58-cases-settled/">रांची
सिविल कोर्ट में मासिक लोक अदालत, निपटाए गए 58 मामले [wpse_comments_template]
Leave a Comment