Kiriburu (Shailesh Singh) : कहते हैं कि कोशिश व मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती. असफला ही सफलता की पहली सीढ़ी होती है. झारखंड का सबसे पिछड़ा क्षेत्र सारंडा के मेघाहातुबुरु का युवा एवं होनहार फुटबॉल खिलाड़ी अंशु हेस्सा पूर्ति (21 वर्ष) अपना भविष्य बनाने की दिशा में अग्रसर है. अंशु के पिता आनंद हेस्सा पूर्ति सेलकर्मी और माता मैनो हेस्सा पूर्ति हैं. अंशु पूर्ति का चयन कड़ी परिश्रम, लगन व बेहतर खेल प्रतिभा की बदौलत आज राजस्थान यूनाइटेड फुटबॉल क्लब में किया गया. अंशु को इस क्लब ने रिजर्व खिलाड़ी के रुप में अपने बी टीम में शामिल किया है. वह बतौर गोलकीपर के तौर पर खेलता है.
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नौवीं में फेल होने पर फुटबॉल के लिए पढ़ाई छोड़ी
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु में पढ़ने के क्रम में वर्ग 2 से ही फुटबॉल खेल की तरफ अपना ध्यान केन्द्रित किया. पढ़ाई में कम रूचि की वजह से वह हमेशा फुटबॉल खेलने पास के मैदान में भाग जाता था. खेलते हुये गंदा होकर घर आने पर पिता की डांट व पिटाई का सामना करना पड़ता था. खेल में जुनून की वजह से केन्द्रीय विद्यालय में 9वीं क्लास में फेल होकर उसने स्कूल छोड़ दिया. इसके बाद 2016 में टाटा फुटबॉल अकादमी में ट्रायल दिया. टीएफए ने अगस्त 2018 में अंशु को अपनी अकादमी का सदस्य बनाया. टीएफए में एक साल तक रहने के बाद वर्ष 2019 में सेल अकादमी, बोकारो में योगदान दिया. यहां से 2022 में पासआउट हुआ. कोरोना की वजह से थोड़ा प्रैक्टिस व खेल प्रभावित हुआ था. इसके बाद शिमला एफसी व अन्य क्लब के अलावे संतोष ट्रॉफी के लिये ट्रायल दिया. काफी अच्छा प्रदर्शन के बाद निराशा हाथ लगी. इस निराशा ने उसे नयी ऊर्जा दी. अंततः अंशु का चयन राजस्थान यूनाइटेड एफसी के लिये सितम्बर 2023 में किया गया.
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राष्ट्रीय टीम में शामिल होकर देश के लिए खेलना लक्ष्य
अंशु ने बताया कि हमारा लक्ष्य भारतीय फुटबॉल टीम में शामिल होकर देश के लिये खेलना है. इसके साथ ही इंडियन सुपर लीग में खेलना भी लक्ष्य है. हम यहीं कहेंगे कि शिक्षा के अलावे खेल के क्षेत्र में भी बेहतर भविष्य है. जरुरी है जिस चीज में आपकी रूचि है उस क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित कर अपना लक्ष्य निर्धारित करें. इसके लिये कड़ी मेहनत करने से पीछे नहीं हटें. बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों की प्रतिभा की पहचान करते हुये उन्हें उस दिशा में सपोर्ट कर आगे बढ़ायें, न कि उनकी प्रतिभा को दबाने का कार्य करें.