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Kiriburu  : पूर्व सीएम की गांवों से खदान खोलो पदयात्रा शुरू, ग्रामीणों का मिला अप्रत्याशित समर्थन

  • पश्चिम सिंहभूम जिले की सभी बंद खदानों को खोलने की मांग
  • वनाधिकार का पट्टा सरकार से अविलम्ब देने की अपील
  • 22 से 27 अगस्त तक जारी रहेगी पदयात्रा
  • 28 बड़ाजामदा में होगी आमसभा
Kiriburu (Shailesh Singh) :  पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने सारंडा व कोल्हान वन प्रमंडल की सभी बंद खदानों को खोलने, सरकार से वनाधिकार पट्टा दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन सह पदयात्रा का शुभारम्भ सारंडा के छोटानागरा गांव से 22 अगस्त को शुरू किया है. पहले दिन ही उन्हें पदयात्रा में ग्रामीणों का अप्रत्याशित समर्थन मिला है. काफी संख्या में सभी गांवों के ग्रामीण पदयात्रा में शामिल हुए हैं. मधु कोड़ा ने कहा कि यह आंदोलन भाजपा के बैनर तले तथा पूर्व सांसद गीता कोड़ा के नेतृत्व में प्रारम्भ किया गया है. सारंडा व कोल्हान वन क्षेत्र की जमीन के अंदर लौह अयस्क रूपी खनिज सम्पदा एवं ऊपर वन सम्पदा होने के बावजूद यहां के आदिवासी व स्थानीय विभिन्न वर्गों के लाखों बेरोजगार भूखे मरने अथवा बेरोजगारी का दंश झेलते हुये पलायन को मजबूर हैं. इस इलाके की रुगंटा, ओएमएम, मिश्री लाल जैन, आर मेकडिल, एनके-पीके, आरजेएम, झंडीबुरु, राजाबेड़ा, देवका बाई लाल, के एस अहलुवालिया, जीलिंगबुरु, सुकरी, मेरेलगाड़ा, बिहार माइंस, बोकना माइंस, एसएमको, समीर सेन - सलील सेन, ओझा माईस आदि खदानें वर्षों से बंद है और खदान में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हैं. ग्रामीणों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना काफी मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों की हालात निरंतर खराब होते जा रही है. इसे भी पढ़ें :  Kiriburu">https://lagatar.in/kiriburu-police-alert-due-to-increase-in-naxalite-activities-in-lipunga-forests/">Kiriburu

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क्षेत्र से लोग रोजगार के लिए कर रहे हैं पलायन

आए दिन मनोहरपुर, गोइलकेरा, चक्रधरपुर, चाईबासा आदि रेलवे स्टेशनों में क्षेत्र से पलायन करने वाले बेरोजगारों की भीड़ दिखाई देती है. लगभग पांच साल से झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की हेमन्त सरकार राज्य में बनी है तब से हेमन्त सरकार लाखों पदो पर नियुक्ति निकाल कर नौकरी देने की बात कही है, पर एक प्रतिशत लोगों को भी नौकरी नहीं मिली है. न ही बेरोजगारी भत्ता दिया गया है. झामुमो ने 2019 के विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि अगर हम नौकरी नहीं देंगे तो बेरोजगारों को 5000 एवं 7000 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देंगे. 22 अगस्त से 27 अगस्त तक खदान खोलो अभियान यात्रा कर 28 अगस्त को बड़ाजामदा में रैली एवं विशाल आमसभा का आयोजन किया जायेगा. इसे भी पढ़ें : Bahragoda">https://lagatar.in/bahragoda-villagers-are-forced-to-walk-on-bad-roads/">Bahragoda

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वनोत्पाद खाकर या बेचकर करते हैं जीवन-यापन

मधु कोड़ा ने कहा कि सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत सारंडा, कोल्हान एवं पोड़ाहाट वन क्षेत्र में आदिवासी एवं अन्य भाई-बहन सदियों से निवास करते आ रहे हैं. इनकी संख्या तकरीबन लाखों में है. इन वन क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों का जीवन-यापन बहुत ही संघर्षमय है. इन क्षेत्रों के निवासी वनोत्पाद खाकर या बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं. इन पैसों से यहां के गरीब आदिवासी रोजमर्रा की जरूरत की चीजें जैसे अनाज, कपड़ा, दवाई, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई आदि काम में खर्च करते हैं. मूलरूप से इनलोगों का जीविकोपार्जन का मुख्य आधार वन है. इनकी वन भूमि ही पहचान का मूल आधार है. गरीब आदिवासी जंगल और जमीन पर अपने अधिकार के लिए सदियों से लडा़ई लड़ते आ रहे हैं. केन्द्र सरकार द्वारा वनक्षेत्रों में रह रहे आदिवासी एवं अन्य गरीब लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत वनपट्टा देने के लिए कानून बनाया. इसे भी पढ़ें :  Ghatshila">https://lagatar.in/ghatshila-death-anniversary-of-jharkhand-agitator-dhanai-soren-celebrated/">Ghatshila

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वनपट्टा के आवेदन पर अब तक नहीं हुआ विचार

वर्ष 2023 में हेमन्त सोरेन की सरकार द्वारा वनक्षेत्रों के निवासियों को ग्रामसभा कर वनपट्टा दावे का आवेदन जिला के प्रखंड, अंचल कार्यालय में मांगा गया था. और वनक्षेत्रों में रह रहे गरीब लोग बहुत उम्मीद के साथ व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनपट्टा लेने के लिए हजारों की संख्या में आवेदन या दावा ग्रामसभा, ब्लॉक, अंचल, अनुमंडल के माध्यम से इंडिया गठबंधन की हेमन्त सरकार के पास किया है. परन्तु आजतक हेमन्त सरकार उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं कर रही है. हेमन्त सरकार सोयी हुई है लोगो की पुकार सुन नहीं रहा है. सरकार का पाँच वर्ष बीतने वाला है. इतने दिन के बाद भी अबतक झारखण्ड की इंडिया गठबंधन की हेमन्त सरकार ने लोगों को वनपट्टा नहीं दिया जाना इन वनक्षेत्रों में निवास कर रहे गरीब भूमिहीन आदिवासी एवं अन्य लोग के साथ धोखा व गंदा मजाक है. इसे भी पढ़ें :  Adityapur">https://lagatar.in/adityapur-phed-executive-engineer-does-not-even-obey-high-court-order/">Adityapur

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तीन सितंबर से होगा धरना-प्रदर्शन

भारतीय जनता पार्टी ने कोल्हान, सारंडा और पोड़ाहाट वनक्षेत्रों में सदियों से निवास कर रहे आदिवासी भाई-बहनों को वनपट्टा दिलाने के लिए तथा सरकार को नींद से जगाने और झूठा वादा याद दिलाने के लिए उनके विरुद्ध घन्टा बजाओ सरकार जगाओ आंदोलन 22 अगस्त से शुरू किया है. इसके तहत 3 सितम्बर को नोवामुण्डी, 4 सितम्बर को मनोहरपुर, 5 सितम्बर को जगन्नाथपुर, 6 सितम्बर को गोईलकेरा एवं 7 सितम्बर को टोन्टो प्रखंड कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. इस दौरान सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, समाजसेवी सुशेन गोप, छोटानागरा मुंडा बिनोद बारिक, जामकुंडिया मुंडा कुशु देवगम, जोजोगुटु मुंडा कानुराम देवगम, सोनापी मुंडा पिरती सोरेन, काशिया-पेचा मंगता सुरीन, पंसस रमेश हंसदा, मंगल कुम्हार, राजेश सांडिल, मानसिंह चाम्पिया, तितलीघाट के लेबेया सिधु, प्रकाश गोप, अविनाश खण्डाईत, मंगल करुवा, राजेश गोप, ओडे़या पुरती आदि ने भी संबोधित किया. इसे भी पढ़ें :  Kiriburu">https://lagatar.in/kiriburu-heavy-rain-in-kiriburu-meghahatuburu-change-in-weather/">Kiriburu

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