Kiriburu (Shailesh Singh): सेल की गुवा खदान प्रबंधन गुवा खदान में गोपनीय तरीके से जॉब कांट्रेक्ट प्रथा लागू करना चाह रही है. इसका जमकर विरोध किया जायेगा. यह बात झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय ने गुवा स्थित अपने यूनियन कार्यालय में सप्लाई मजदूरों के साथ वार्ता के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जॉब कांट्रेक्ट प्रथा लागू होने से सप्लाई मजदूरों के रोजगार की गारंटी नहीं रहेगी. ठेकेदार का कांट्रेक्ट खत्म होने के बाद मजदूरों को काम से हटा दिया जायेगा. इसके अलावे मजदूरों को मिल रही चिकित्सा, आवास आदि अनेक प्रकार की सुविधाओं से वंचित होना पडे़गा. बतौर सप्लाई मजदूर के रूप में मजदूरों को रोजगार की गारंटी वर्षों से रहती आ रही है और आगे भी रहेगी. इसमें ठेकेदार बदल जाती है, लेकिन सप्लाई मजदूर वहीं काम करता रहता है. साथ ही तमाम प्रकार की सुविधाएं सप्लाई मजदूरों को मिलती है.
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रामा पांडेय ने कहा कि सप्लाई मजदूरों को समान काम का समान वेतन सेलकर्मियों के वेतन के अनुसार नहीं दिया जा रहा है. प्रबंधन ने मेघालया गेस्ट हाउस में त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान प्रबंधन ने इसे लागू करने की बात कही थी. इसके अलावे सेल की खदानों में बायोमेट्रिक हाजिरी का पूरा विरोध करती है. हमारी यूनियन की किरीबुरु इकाई ने इसके खिलाफ शिकायत किया है. जब तक फैसला नहीं आ जाता है तब तक प्रबंधन को इस दिशा में कोई प्रयास नहीं करना चाहिये. सेल की किरीबुरु प्रबंधन बायोमेट्रिक मशीन लगा चुकी है और वह एक नवम्बर से चालू करना चाह रही है जो अनुचित है. अगर प्रबंधन हमारी मांगों को पूरा नहीं करती, जॉब कांट्रेक्ट को वापस नहीं लेती है तो 15 दिनों बाद आंदोलन किया जायेगा.
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