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किरीबुरू : सेल की गुआ खदान में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी 11 अगस्त से - राजू सांडिल

Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा के सलाई चौक पर 23 जुलाई को सारंडा विकास समिति की विशेष बैठक अध्यक्ष सह गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल की अध्यक्षता व विभिन्न गांवों के ग्रामीणों की मौजूदगी में सम्पन्न हुई. यह बैठक बीएसएल, सेल की गुवा, किरीबुरु, मेघाहातुबुरु, चिड़िया खदान प्रबंधन के असहयोग रवैया, खदानों में सारंडा के शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी व अस्थायी रोजगार नहीं देने, प्रभावित गांवों का विकास सीएसआर के तहत नहीं करने आदि मामलों को लेकर आयोजित की गई. बैठक में सर्वसम्मति से आगामी 11 अगस्त से सेल की गुआ खदान में अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकेबंदी का फैसला लिया गया. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-adivasi-sengel-burnt-effigy-of-manipur-cm-in-karandih/">जमशेदपुर

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ग्रामीणों की ये है मुख्य मांगें

गुवा प्रबंधन ने अपने वायदे के अनुसार पहले 20 बेरोजगारों को रोजगार पर रखा. लेकिन काम देने के छः माह बाद बीते जून माह से सभी को काम से हटा दिया. उसके बाद किसी को काम पर नहीं रखा. मुखिया ने कहा कि गुवा प्रबंधन ने सारंडा के 20 बेरोजगारों को रोजगार रूपी खाना दिया भी तो उसमें कंकड़ व पत्थर डालकर. जो न निगलते बना और न उगलते बना. इसके अलावे हमने उक्त चारों खदानों से निकलने वाली लाल पानी, मिट्टी-मुरुम से बंजर हुई ग्रामीणों की कृषि भूमि का मुआवजा एवं प्रत्येक परिवार को स्थायी नौकरी, प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के लिए एम्बुलेंस, मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा, शुद्ध पेयजल, ग्रामीणों व मानकी मुंडा को आने-जाने के लिए वाहन की व्यवस्था आदि की मांग की गई थी. लेकिन प्रबंधन ने कोई भी मांग पूरा नहीं की है. इन सभी मांगों को लेकर 11 अगस्त से सारंडा के ग्रामीण गुआ खदान का उत्पादन व डिस्पैच को अनिश्चितकाल के लिए ठप करेंगे. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-demand-to-keep-tribal-and-regional-language-department-intact-in-kolhan-university/">चाईबासा

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बैठक में ये लोग हुए शामिल

इस बैठक में मुख्य रूप से समिति के कोषाध्यक्ष मंगल कुम्हार, पंसस रामेश्वर चाम्पिया, उप मुखिया साधो चाम्पिया, मुंडा बुधराम सिद्धू, मोहन लाल चौबे, मुंडा मनबोध चाम्पिया, मुंडा जानुम सिंह चेरवा, जगदीश कोड़ा, जोगेश्वर गोप, चरण गोप, भोज चाम्पिया, लक्ष्मी सांडिल, नीलमणी सांडिल, सुनीता देवि, सुनीता बारीक, नीशा तांती, मोहन लाल चौबे, भीमसेन गोप, लक्ष्मी चेरवा, दुःशासन चेरवा, मरियम सिद्धू, बिमला देवि, उर्मिला, सकुंतला, चन्द्रावति, सावित्री आदि सैकड़ों ग्रामीण व महिलाएं मौजूद थे. [wpse_comments_template]

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