Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल की झारखंड ग्रुप ऑफ माइन्स के निदेशक एवं कार्यपालक निदेशक के साथ बुधवार को बोकारो में किरीबुरु और मेघाहातुबुरु खदान के विभिन्न मजदूर संगठनों की बैठक होगी. मंगलवार को बोकारो पहुंचने के बाद झारखंड मजदूर संघर्ष संघ (झामसंसं) की किरीबुरू एवं मेघाहतुबुरु इकाई के प्रतिनिधियों ने होटल में संयुक्त रणनीति बनाई. इसमें तय किया गया कि किन-किन मुद्दों पर सेल प्रबंधन को घेरना है. बैठक में स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ एनजेसीएस द्वारा खदान कर्मियों के प्रति हो रही भेदभाव, डीएएसए से लेकर किरीबुरु रेफरल अस्पताल की लचर चिकित्सा व्यवस्था समेत अनेक मुद्दों पर सहमति बनी. बैठक में एटक की किरीबुरू और मेघाहातुबुरु इकाई के प्रतिनिधियों द्वारा सेल प्रबंधन के साथ होने वाली बैठक के बहिष्कार पर दुख प्रकट किया गया. झामससंघ किरीबुरु के महामंत्री राजेन्द्र सिंधिया ने लगातार न्यूज से बातचीत में कहा कि जब श्रमिकों की समस्या हल कराने का समय आता है तो बैठक बहिष्कार करना अच्छी बात नहीं है.
इसे भी पढ़ें : बेरहम बेटी ने जायदाद के लिए मां-बाप का गला काटा
खदानों के मजदूरों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं
बैठक में मजदूर नेताओं ने सेलकर्मियों व ठेका मजदूरों समेत स्थानीय समस्या को उचित मंच पर रखकर उसका समाधान कराना सर्वोपरि बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे भी खदानों के मजदूरों व जनता की समस्या सुनने वाला कोई नहीं. जब वक्त आता है चर्चा का तो ऊपरी दबाव के कारण खदानों की समस्या अधर में पड़ जाती है. एनजेसीएस में खदानों के मजदूरों के हित की चर्चा होती तो आज हमें बोकारो में वार्तालाप करने को आना नहीं पड़ता. यह सेल कर्मचारियों के भीतर भी चर्चा का विषय बना हुआ है. अब आगे की रणनीति कैसे बनानी है बैठक के बाद पता चलेगा. उन्होंने सेल की विभिन्न खादानों में विशेष यूनियन को मान्यता देने पर सवाल उठाते हुये कहा कि यह अवैध है, क्योंकि पिछले 60 वर्षों से चुनाव ही नहीं हुआ है. इसका जबाब भी प्रबंधन को देना होगा.
Leave a Reply